अलवर में वीआईपी बनने का बढ़ा क्रेज, नंबरों के लिए मची होड़
अलवर में वीआईपी बनने का बढ़ा क्रेज, नंबरों के लिए मची होड़
महानगरों की तर्ज पर अब अलवर में भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर लेने का क्रेज लोगों में देखा जा रहा है। युवा, कारोबारी या नेता, सभी अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं।
महानगरों की तर्ज पर अब अलवर में भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर लेने का क्रेज लोगों में देखा जा रहा है। युवा, कारोबारी या नेता, सभी अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर लेना चाहते हैं।
इस साल जनवरी से अब तक 280 लोगों ने अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर खरीदे हैं। इसमें से कई नंबरों के लिए लोगों ने बोली भी लगाई गई है।
इस साल जनवरी से अब तक 280 लोगों ने अपने वाहनों के लिए वीआईपी नंबर खरीदे हैं। इसमें से कई नंबरों के लिए लोगों ने बोली भी लगाई गई है।
अलवर परिवहन ऑफिस के जिला परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि एक जनवरी से अब तक सामान्य नंबर 26 हजार 895 जारी किए गए हैं, जबकि 280 लोगों ने वीआईपी नंबर लिए हैं।
अलवर परिवहन ऑफिस के जिला परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ललित कुमार गुप्ता ने बताया कि एक जनवरी से अब तक सामान्य नंबर 26 हजार 895 जारी किए गए हैं, जबकि 280 लोगों ने वीआईपी नंबर लिए हैं।
इससे विभाग को 46 लाख 67 हजाररुपए का राजस्व मिला है। वीआईपी नंबरअलॉट करने कीप्रक्रिया ऑनलाइनपोर्टल के माध्यमसे की जा रही है।
इससे विभाग को 46 लाख 67 हजाररुपए का राजस्व मिला है। वीआईपी नंबरअलॉट करने कीप्रक्रिया ऑनलाइनपोर्टल के माध्यमसे की जा रही है।
एक नंबर के लिए दो आदमी आवेदन करते हैं तो जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है, वो उस नंबर को अपने वाहन के लिए खरीद लेता है।
एक नंबर के लिए दो आदमी आवेदन करते हैं तो जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है, वो उस नंबर को अपने वाहन के लिए खरीद लेता है।
वीआईपी नंबरों के लिए अलग-अलग कीमत निर्धारित होती हैं। इसकी जानकारी पोर्टल पर ही मिलती है।
वीआईपी नंबरों के लिए अलग-अलग कीमत निर्धारित होती हैं। इसकी जानकारी पोर्टल पर ही मिलती है।
पिछले चार महीनों में एक कार की सीरीज 10001 के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई गई। इससे विभाग को 2 लाख 2 हजार रुपए का राजस्व मिला है।
पिछले चार महीनों में एक कार की सीरीज 10001 के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई गई। इससे विभाग को 2 लाख 2 हजार रुपए का राजस्व मिला है।