न्यूज़ चक्र, कोटपुतली। गौशाला रिवाला धाम मंदिर मलपुरा कोटपूतली में 10 मार्च से 14 मार्च तक संकट मोचन महायज्ञ में 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 25 क्विंटल देसी गाय के घी से 11 लाख आहुतियां दी जाएंगी। इसमें देसी जड़ी बूटियों का भी प्रयोग किया जा रहा है।
गौशाला रिवाला धाम मंदिर महंत स्वामी गणेशानंद महाराज ने सभी यजमानों को संकल्प कराते हुए यज्ञ की महता समझाई, और कहा कि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए हमारे प्राचीन ऋषियों ने यह परंपरा विकसित की थी। भगवान ने कहा है कि सारी सृष्टि की उत्पत्ति अन्न से होती है और अन्न बारिश से होता है और बारिश यज्ञ से होती है।
यज्ञ का मतलब है कि हम अपनी नेक कमाई में से सर्व कल्याण के लिए जो दान देते हैं वही यज्ञ है। अग्नि में आहुति देना दान का एक प्रतीकात्मक स्वरूप है। यह प्रतीकात्मक स्वरूप प्राचीन काल से है। अग्नि को आधार मानकर हम सारे काम करते आ रहे हैं। भोजन बनाकर सबसे पहले अग्नि को भोग लगाते हैं। विवाह शादी में अग्नि को प्रज्वलित कर उसकी परिक्रमा की जाती है। हमने सदा प्रकाश की उपासना की है, यही सब का भाव है। इसलिए 108 कुंडीय महायज्ञ से हम हमारे वातावरण को शुद्ध व लोगों की विचार धारा शुद्ध करने के लिए किया जा रहा है।
आपको बता देंगे कि महायज्ञ के समापन पर स्वामी रामदेव सहित पांचों मंडलों के संत प्रमुख सहित करीब 12 सांसद और अनेक केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री शामिल होना प्रस्तावित है।