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एसडीएम के आश्वासन पर थमा धरना

न्यूज़ चक्र, पावटा। सरकारी सेवा में जुटे कर्मचारियों पर हमला केवल एक व्यक्ति पर वार नहीं, बल्कि व्यवस्था पर चोट होती है। सोमवार को पावटा में ऐसा ही दृश्य तब देखने को मिला, जब जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL) की विजिलेंस टीम पर ग्राम ललाना में हुए हमले के विरोध में विद्युत कर्मी सड़कों पर उतर आए।
सैकड़ों कर्मचारी नवोदय रोड स्थित पावटा विद्युत ग्रेड कार्यालय पर एकत्र हुए। चेहरे पर रोष, मन में आक्रोश और जुबां पर एक ही मांग—“सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।”

कर्मचारियों ने कहा – हम बिजली देते हैं, हमें सुरक्षा चाहिए

धरने में शामिल कर्मचारियों ने कहा कि वे दिन-रात जनता को निर्बाध बिजली पहुंचाने में जुटे रहते हैं। धूप-बरसात में बिजली लाइनें ठीक करना, ट्रांसफॉर्मर बदलना या गांवों में विजिलेंस जांच करना उनका रोज का कार्य है। लेकिन अगर उन पर ही हमले शुरू हो जाएं, तो यह न केवल उनके मनोबल पर असर डालता है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था की साख पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

“हमारा अपराध बस इतना है कि हमने बिजली चोरी पकड़ने की कोशिश की,” एक कर्मचारी ने कहा, “पर हम पर हमला कर दिया गया, गाड़ी की चाबी छीन ली गई, और टीम को घेरकर धमकाया गया।”

एसडीएम डॉ. साधना शर्मा ने दिलाया निष्पक्ष जांच का भरोसा

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा तब कुछ शांत हुआ जब पावटा की नवनियुक्त उपखंड अधिकारी डॉ. साधना शर्मा ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार तक जांच रिपोर्ट के आधार पर ठोस कदम उठाए जाएंगे।
एसडीएम के इस आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने धरना शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त किया।

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला रविवार का है, जब JVVNL की विजिलेंस टीम ग्राम ललाना की एक ढाणी में विद्युत चोरी की जांच के लिए गई थी। टीम में सहायक अभियंता संजीव कुमार जाखड़ सहित कई अधिकारी शामिल थे। जांच के दौरान कुछ लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। आरोप है कि भीड़ ने न केवल टीम के सदस्यों से मारपीट की बल्कि वाहन की चाबी भी छीन ली और उन्हें जाने नहीं दिया।

काफी मशक्कत के बाद टीम सुरक्षित प्रागपुरा थाने पहुंची, जहां भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 121(1) और 132 के तहत मामला दर्ज किया गया।

प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी रहे मौजूद

धरने के दौरान नगरपालिका पावटा-प्रागपुरा अधिशांषी अधिकारी फतेह सिंह मीणा, प्रागपुरा थानाधिकारी कश्मीर सिंह, और पुलिस जाप्ता मौके पर मौजूद रहे।
वहीं विद्युत विभाग से कोटपूतली जेईएन अमर सिंह, एसपीएन धनपत, एसपीएन कृष्ण कुमार, आंतेला जेईएन अजय बाज्या, पावटा जेईएन देवीलाल, गौवर्धनपुरा जेईएन आफताब आलम, भूरी भड़ाज जेईएन सोहन लाल स्वामी सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए।

मानवीय सवाल — क्या सरकारी सेवक अब असुरक्षित हैं?

इस घटना ने एक गंभीर प्रश्न खड़ा किया है — क्या सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है? जब बिजली चोरी रोकने पहुंचे अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आमजन का विश्वास कैसे कायम रहेगा? हर बार की तरह इस बार भी कर्मचारी असुरक्षा के भाव से लौटे, लेकिन उम्मीद यही है कि प्रशासन का वादा इस बार केवल कागजों तक सीमित न रह जाए।

सरकार के लिए अब यह सिर्फ एक एफआईआर का मामला नहीं, बल्कि अपने कर्मचारियों के सम्मान और सुरक्षा की परीक्षा है। जनता बिजली चोरी न करे, और कर्मचारी बिना भय के काम कर सकें — यही इस धरने का असली संदेश था।

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