
सचिवालय, जयपुर
– फोटो : सोशल मीडिया
न्यूज़ चक्र। राजस्थान में तबादलों का विवाद बढ़ते-बढ़ते दिल्ली तक पहुंच गया है। अब मुख्य सचिव और सीएमओ के स्तर पर भी विभागों से तबादलों की समीक्षा की जा रही है। तबादलों से पहले ही सरकार के मंत्रियों को तबादलों से दूर रहने की हिदायत दे दी गई थी, इसी का फायदा अफसर उठा गए। कई विभागों में आईएएस के कृपापात्र ज्वाइंट सेक्रेटरी स्तर के अफसरों ने अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर तबादले कर दिए।
सरकारी कर्मचारियों के तबादलों में जाति विशेष को टारगेट करने और कई महकमों में अफसरों की मनमर्जी से कर्मचारियों की तैनाती को लेकर विवाद गहरा गया है। मामले की शिकायत दिल्ली तक की गई है। अब मुख्य सचिव सुधांश पंत और सीएमओ के स्तर पर विभागों से तबादलों की समीक्षा की जा रही है। सीएस ऑफिस से विभागों को कुछ समय पहले चिट्ठी लिखकर पूछा गया था कि जो तबादले किए गए हैं उनके कारण क्या हैं? कर्मचारी ने खुद ने तबादले की अर्जी लगाई थी अथवा किसी ने डिजायर की थी।
ज्ञात रहे कि पिछले दिनों राजस्थान में तबादलों से प्रतिबंद्ध हटने के बाद जो ट्रांसफर सूचियां जारी की गई थीं, उनमें एक जाति को खास तौर से टारगेट करने के आरोप लगाया जा रहा था। सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद कांग्रेस के कई विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। हिंडोली विधायक अशोक चांदना, बायतू विधायक हरीश चौधरी, लाडनू विधायक मुकेश भाकर व कृष्णा पूनियां सहित कई कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर जाटों और गुर्जरों को टारगेट कर तबादले करने के आरोप लगाए। इसमें वित्त विभाग, गृह विभाग, ऊर्जा विभाग, कृषि विभाग की कई सूचियां सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिनमें तबादला होने वाले कर्मचारियों में एक वर्ग विशेष के नाम सबसे ज्यादा थे।
आईएएस सूची पर भी मंथन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार आईएएस अफसरों की तबादला सूची और जारी कर सकती है। इसमें पिछली सरकार के समय से अहम पदों पर बैठे अफसरों को इधर-उधर किया जा सकता है। दरअसल पिछली सरकार में इन अफसरों पर भाजपा नेताओं ने ही कई आरोप लगाए थे।
[ खबर सोर्स – अमर उजाला ]
[ ख़बरें और भी हैं… ]
Discover more from News Chakra
Subscribe to get the latest posts sent to your email.