Home Rajasthan News Jaipur कोटपूतली नगर पालिका चुनाव: मतदाताओं के मत पर विश्वासघात ?

कोटपूतली नगर पालिका चुनाव: मतदाताओं के मत पर विश्वासघात ?

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न्यूज़ चक्र, कोटपुतली। विकास वर्मा। कोटपूतली नगर पालिका अध्यक्ष पद के चुनाव की जंग पार्षदों के खरीद फरोख्त के आरोपों से घिर गई है। 20 दिसंबर को कोटपूतली नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए नवनिर्वाचित पार्षदों द्वारा मतदान किया जाना है, लेकिन इससे पहले ही कोटपूतली के नवनिर्वाचित पार्षद अपनी खरीद-फरोख्त की बात कर रहे हैं। वार्ड 17 से नवनिर्वाचित पार्षद शिंभू सैनी ने 20 से 25 लाख रुपए में पार्षदों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। नवनिर्वाचित पार्षद का यह आरोप प्रशासन के निष्पक्ष चुनाव पर सवालिया निशान लगाता है।

आपको बता दें कि गुरुवार को पूर्व नगरपालिका चेयरमैन व वर्तमान नगर पालिका चेयरमैन प्रत्याशी कांता सैनी के पति पूर्व चेयरमैन प्रकाश सैनी व नवनिर्वाचित पार्षद शिम्भु सैनी ने पार्षदों की खरीद-फरोख्त की बात कही थी जिसके बाद से कोटपूतली राजनीति शहर भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। शहर भर में लोग अपने पार्षद को ‘बिकाऊ’ की नजर से देख रहे हैं, और मतदाता खुद को ‘ठगा’ हुआ महसूस कर रहा है। कोटपूतली में पार्षदों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा गरमाया हुआ है और लोगों का मानना है कि इससे कोटपूतली शहर की छवि को भी नुकसान पहुंचा है।

बाडाबंदी है लेकिन लोभ- लालच नहीं

शहर वासियों का कहना है कि अगर सच में पार्षदों की खरीद फरोख्त हो रही है तो आगामी 5 साल के लिए शहर में विकास कार्यों को भूल जाना होगा। वहीं इस संबंध में भाजपा नेता मुकेश गोयल व वर्तमान चेयरमैन पद प्रत्याशी पुष्पा सैनी के प्रतिनिधि मदन सैनी ने कहा है कि पार्षदों के खरीद-फरोख्त की बात बेबुनियाद है, पार्षदों की बाडाबंदी जरूर है लेकिन इस दौरान उन्हें कोई लोभ- लालच नहीं दिया गया है।

वहीं वार्ड 27 से नवनिर्वाचित पार्षद नाहरसिंह पायला का कहना है कि वार्ड पार्षदों की खरीद-फरोख्त की बात बेबुनियाद है। मैं पहले भी पार्षद रहा हूं, कोटपूतली राजनीति में कभी कोई ऐसी बात नहीं रही है, और अगर अब ऐसी कोई बात हुई है तो यह कोटपूतली के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं पूर्व पार्षद भीखाराम सैनी ने कहा है कि ‘ वह भी पूर्व पार्षद रह चुके हैं लेकिन कभी कोटपूतली में पार्षदों ने खरीद-फरोख्त की बात नहीं की है,  किसी पार्षद को इस तरह से बेबुनियाद आरोप नहीं लगाने चाहिए, इससे ना केवल मतदाता के मन को ठेस पहुंचती है बल्कि शहर की छवि भी बदनाम होती है। अगर इस तरह की कोई बात आती है तो उसे प्रशासन के समक्ष रखा जाना चाहिए।

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बहरहाल कोटपूतली शहर में पार्षदों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। वहीं कोटपूतली नगर पालिका अध्यक्ष पद को लेकर फिलहाल त्रिकोणीय मुकाबला है। लेकिन इससे पहले कोटपूतली की जनता प्रशासन से निष्पक्ष चुनाव का भरोसा मांग रही है। जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, मतदाताओं के मत पर विश्वासघात होता नजर आ रहा है।

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