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कोटपूतली : लापरवाही दर लापरवाही, शिकार 6 साल की बच्ची जिम्मेदार कौन !

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ट्रेलर ने 6 साल की बच्ची को कुचला, पब्लिक ने ट्रेलर में लगाई आग

एनसीजी न्यूज़ /न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। शहर में ओवरलोड ट्रेलर, डंपर व ट्रकों की आवाजाही बदस्तूर जारी है। सड़क पर बेखौफ दौड़ रहे यमदूत लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार ना ही रोक पा रहे हैं, ना ही दिशा बदल पा रहे हैं। लापरवाही प्रशासन की है या जनप्रतिनिधियों की लेकिन जनता जनप्रतिनिधियों व मीडिया कर्मियों को सरेआम गालियां निकाल रही है।

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पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोटपूतली के डाबला रोड पर आज दोपहर 2 बजे करीब स्कूटी पर सवार एक महिला स्कूल से अपनी 6 साल की बच्ची को पाटन की ओर से लेकर आ रही थी, इधर मुख्य चौराहे की तरफ से एक बाइक सवार गलत दिशा में जा रहा था। पाना देवी मुख्य गेट के सामने स्कूटी व बाइक सवार में आमने- सामने की टक्कर हुई। इस हादसे में स्कूटी पर बैठी 6 साल की बच्ची को पीछे से तेज गति से आ रहे एक ट्रेलर ने कुचल दिया। बताया जा रहा है कि मौके से बाइक सवार व ट्रेलर चालक फरार हो गया पुलिस ने बाइक को जप्त कर लिया और गुस्साई पब्लिक ने ट्रेलर के केबिन में आग लगा दी। सूचना पर कोटपूतली थाना अधिकारी सवाई सिंह पुलिस जाब्ते के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और फायर ब्रिगेड मंगवा कर तुरंत आग पर काबू पा लिया। इससे पहले बच्ची को तुरंत इलाज के लिए बीडीएम अस्पताल भिजवा दिया गया था।

लापरवाह ‘बीडीएम’, नहीं मिली घायल की जानकारी

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लोग कहते हैं ‘बीडीएम’ जिला अस्पताल का भगवान ही मालिक है। लेकिन हालात ऐसे हैं कि व्यवस्थाएं देखकर खुद भगवान भी शर्मिंदा हो जाए। आज घायल बालिका से संबंधित जब पुलिस ने जानकारी मांगी तो ना घायल संबंधी जानकारी मिली ना ठीक से जवाब ! अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में मौजूद स्टाफ व डॉक्टरों का ‘रोब’ देखकर पुलिस भी त्योंरियां बदलती रही।

इसी दौरान आया गंभीर मरीज, परिजनों ने एंबुलेंस से खुद उतारा, डॉक्टर से वार्ड बॉय के लिए पूछा तो बोले, ट्रांसफर करा दो या सस्पेंड करा दो !

बीडीएम अस्पताल के ‘जिला’ शब्द भले ही लग रहा हो, लेकिन व्यवस्था इतनी चरमरा गई है कि लोग पीएचसी की संज्ञा देने लगे हैं। डॉक्टर इलाज करने की बजाय कुर्सी छोड़कर दूर खड़े हो जाते हैं और ट्रांसफर या सस्पेंड कराने की धमकी देते हैं। बानसूर क्षेत्र से गंभीर हालत में पहुंचे एक मरीज को जब स्ट्रक्चर नहीं मिला और परिजन खुद ही अस्पताल में से स्ट्रक्चर लाकर ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया तो मौजूद मीडिया कर्मियों ने डॉक्टर सुरेश यादव से पूछ लिया कि आपके वार्ड बॉय कहां है ! …तो मौजूद डॉ. सुरेश यादव व डॉ. विक्रम यादव ने दो टूक कहा कि ट्रांसफर कराना है तो ट्रांसफर करा दो, सस्पेंड कराना है तो सस्पेंड करा दो… यहां तो काम है ऐसे ही होगा।

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आपको बता दें कि घायल बच्ची को परिजन एंबुलेंस से जयपुर के लिए लेकर निकल गए थे। बच्चे के पिता अमर सिंह जांगिड़ ने न्यूज़ चक्र से फोन बातचीत में बताया कि बच्ची की हालत बेहद गंभीर है, दोनों पैर कुचले गए हैं। बच्ची डाबला रोड पर पी.के. नवोदय स्कूल में कक्षा यूकेजी की छात्रा है।