मुंह से लगातार बदबू आना भी लिवर खराबी का संकेत

लिवर खराबी का संकेत

जयपुर/ कोटपूतली. अगर आपके मुंह से नियमित रूप से बदबू आती है तो यह लिवर रोग के लक्षण हो सकते हैं। लोगों में यह भ्रांति है कि शराब के अधिक सेवन से ही लिवर खराब होता है, लेकिन शराब के साथ साथ अनियमित दिनचर्या और खानपान में लापरवाही, खाने में तेल और मसालों का अधिक प्रयोग एंव फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन लिवर को कमजोर बना सकता है।

आमतौर पर लिवर की बीमारी के अधिकतर मरीज गर्मियों में आते रहे हैं पर अब लोगों की दिनचर्या में आए बदलाव के कारण सर्दियों में भी इस बीमारी के काफी मरीज आने लगे हैं। लिवर की खराबी को अनदेखा करना स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। लिवर में खराबी होने से लिवर कैंसर, लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस (इसमें ए, बी, सी, डी व ई शामिल हैं) पीलिया की समस्यायें होती हैं, इन सब से बचने के लिए जरुरी है कि सही समय पर लिवर खराबी के लक्षणों को जानकर लिवर का इलाज कराया जाए।


डॉ. साहिल गुप्ता, लिवर ट्रांसप्लांट विषेषज्ञ निम्स हॉस्पिटल, जयपुर ने बताया कि मुंह से गंदी बदबू आना लिवर की खराबी हो सकती है। दरअसल लिवर खराब होने पर मुंह से अमोनिया ज्यादा रिसने लगता है, जो यह बताता है कि आपका लिवर ठीक नहीं है। लिवर एक एंजाइम पैदा करता है, जिसका नाम बाइल है। यह स्वाद में बहुत खराब लगता है, यदि मुंह में कड़वाहट लगे तो इसका मतलब है कि मुंह तब बाइल पहुंच रहा है।

सिरोसिस की बीमारी का मुख्य कारण शराब –


शराब का सेवन लिवर की सिरोसिस बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है, लेकिन ऐसा नहीं कि यह शराब नहीं पीने वालों को नहीं हो सकता है। शोध की मानें तो लिवर की बीमारी के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार शराब है।
लीवर खराबी के मुख्य लक्षण –

  • स्किन का क्षतिग्रस्त होना, चेहरे पर ज्यादा थकान दिखाई देना
  • लिवर की खराबी में कई बार पानी भी नहीं पचता है
  • त्वचा पर सफेद धब्बे पडना, इन्हे लिवर स्पॉट कहा जाता है
  • यूरिन का रंग गहरा पीला होना
  • नाखून पीले दिखना मतलब लिवर का संक्रमण
  • पेट का फूल जाना या टाइट रहना, मतलबल लिवर में सूजन

डॉ. मोनिका गुप्ता, जी. आई. सर्जन माणिपाल हॉस्पिटल जयपुर, ने इसके उपायों के बारे मे चर्चा करते हुये बताया की शुरुवाती दौर में ही बिमारी के लक्षणों को पहचान करके इन्हे दूर किया जा सकता है। लम्बे समय तक लिवर ख़राब होने से बचाने के लिए एक्स्पर्ट द्वारा पित्त की थैली की पथरी , लिवर में वसा व लिवर की अन्य गाँठो का इलाज ज़रूरी है व लिवर सम्बंधित बीमारियों को नज़रंदाज़ न करें । लिवर हमारे पाचन का केंद्र है, अतः लिवर सम्बंधित रोग हमारे पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं । लिवर, पित्त की थैली व अग्न्याशय की बीमारियों का विशेषज्ञ द्वारा समय रहते इलाज करवाएँ ।

डॉ. मोनिका गुप्ता, जी. आई. सर्जन माणिपाल हॉस्पिटल

    Discover more from News Chakra

    Subscribe to get the latest posts sent to your email.