3 महीने गुजरे। ना खुलासा, ना संतुष्टि… सवालों के घेरे में ‘खाकी’, महापड़ाव में उमड़ रहा सर्व समाज
गृह राज्य मंत्री के क्षेत्र में पुलिस जांच पर उठ रहे सवाल! विरोध में आज महापड़ाव
News Chakra. कोटपूतली। यूं तो राजस्थान पुलिस आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर का दावा करती है। लेकिन कोटपूतली विधायक व राजस्थान सरकार में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के क्षेत्र में पुलिस एक मौत की गुत्थी 3 महीने में भी नहीं सुलझा पाई है। पुलिस की कार्यशैली से खफा मृतक के परिजन व संघर्ष समिति ने आज महापड़ाव बुलाया है, जिसमें हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना है।
3 महीने गुजरे, क्या है मामला
गौरतलब है कि 4 नवंबर की शाम 18 वर्षीय विकास प्रजापत दोस्तों के साथ जाने की बात कह कर घर से निकला था। लेकिन अगले ही दिन उसका शव बीडीएम अस्पताल की मोर्चरी में मिला था। मृतक की छाती पर व पैरों पर चोट के निशान थे। पीठ पर भी खरोंचे या घसीटे जाने जैसे निशान थे। परिजनों ने मृतक के दोस्तों के खिलाफ नामजद हत्या का मामला दर्ज करवाया था।
पुलिस जांच पर क्यों उठ रहे हैं सवाल !
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को लेकर शुरू से ही गंभीरता नहीं दिखाई। ना तो आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई और ना ही आरोपियों का मेडिकल कराया गया। यहां तक की घटनास्थल पर फॉरेंसिक जांच भी 5 दिन बाद बुलाई गई, इस दौरान दो बार बारिश आ चुकी थी। यहां तक कि आरोपियों द्वारा मृतक का मोबाइल फेंकना स्वीकार करने के बावजूद पुलिस मृतक का मोबाइल भी बरामद नहीं कर पाई है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस हत्या के मामले को दुर्घटना का रूप देने पर तुली हुई है। मृतक की बहन सीमा ने बताया कि मृतक विकास की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी डॉक्टरों ने 5 तरह की चोट का उल्लेख किया है। इसके बावजूद पुलिस मृतक के शरीर पर पिल्लर गिरना बताकर हत्या के मामले को दुर्घटना करार देने पर तुली हुई है।
परिजनों के 18 सवाल, जिनके जवाब नहीं दे रही कोटपूतली पुलिस
मृतक की बहन सीमा ने बताया कि कोटपूतली थाना पुलिस से इस घटना के संबंध में पहला सवाल यही पूछा जा रहा है कि घटना की रात 2 बजे घटनास्थल पर 8 लड़के क्या कर रहे थे। जवाब में थाना पुलिस शराब पार्टी होने की बात कहकर मामले को भटका रही है। जबकि घटनास्थल से पुलिस को ना शराब पार्टी होने के सबूत मिले हैं और ना ही मेडिकल रिपोर्ट में कहीं अल्कोहल का उल्लेख है। यहां तक कि पुलिस ने तो नामजद रिपोर्ट होने के बावजूद आरोपियों का मेडिकल भी नहीं कराया। इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज, घटनास्थल से मिले बिजली के तार, मृतक का मोबाइल फ़ोन, अंडर गारमेंट्स जैसे 18 सवालों पर थाना पुलिस चुप्पी साध लेती है।
मामले की सीबीआई जांच की मांग, 50 दिन से चल रहा है अनिश्चितकालीन धरना
मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीड़ित परिजन निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर पिछले 50 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। कोटपूतली तहसील परिसर में चल रही इस धरने को पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना, भाजपा नेता मुकेश गोयल, विहिप नेता पूर्ण भरगढ़, जदयू नेता रामनिवास यादव सहित क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त है। इसके लिए गठित संघर्ष समिति ने 8 फरवरी का महापड़ाव का ऐलान किया था।
कुम्हार समाज प्रदेश अध्यक्ष किशोर दुल्हेपुरा ने बताया कि महापड़ाव में लोगों का लगातार आना जारी है। हमारी मांग आरोपियों की गिरफ्तारी व मामले की सीबीआई जांच कराना है।
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