
राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई, नदी बहाव क्षेत्र और चारागाह भूमि को कराया मुक्त
बानसूर । उपखंड क्षेत्र के बबेरा गांव में मंगलवार को राजस्व विभाग ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए नदी के बहाव क्षेत्र और चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटाया। विभाग ने करीब 900 बीघा सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। कार्रवाई के दौरान तहसीलदार गजेंद्र सिंह राठौड़, ग्राम पंचायत सरपंच, राजस्व विभाग की टीम और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।
तहसीलदार गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बबेरा ग्राम पंचायत क्षेत्र में नदी के बहाव क्षेत्र पर लंबे समय से कुछ ग्रामीणों ने कब्जा कर रखा था। कई लोगों ने यहां खेती शुरू कर दी थी और फसलें भी बोई जा चुकी थीं। प्रशासन को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों की जांच के बाद न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में राजस्व विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए यह कार्रवाई शुरू की।

कार्रवाई के दौरान चार ट्रैक्टर और दो जेसीबी मशीनों का उपयोग किया गया। खेतों में खड़ी फसलों को हटाकर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था। साथ ही राजस्व विभाग की टीम ने सरकारी जमीन का चिह्नीकरण और नापजोख की प्रक्रिया पूरी की।
तहसीलदार ने बताया कि चारागाह भूमि पर अतिक्रमण को लेकर पहले ही नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन संबंधित लोगों ने समय पर कब्जा नहीं हटाया। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी जब अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासन ने न्यायालय के आदेशों की पालना में कार्रवाई को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि जनता की साझा संपत्ति होती है, जिस पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण कानूनन अपराध है। विभाग का उद्देश्य केवल कब्जे हटाना नहीं बल्कि सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा करना भी है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियां न बनें।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि बबेरा में की गई यह कार्रवाई अभियान की शुरुआत मात्र है। राजस्व विभाग अब उपखंड क्षेत्र की अन्य ग्राम पंचायतों में भी नदी, नालों और सरकारी भूमि पर हुए अतिक्रमणों को हटाने के लिए चरणबद्ध कार्रवाई करेगा।
बबेरा गांव में हुई इस कार्रवाई की पूरे क्षेत्र में व्यापक चर्चा है। ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से नदी बहाव क्षेत्र पर कब्जे के कारण पानी की निकासी बाधित हो रही थी और बरसात के दौरान जलभराव की स्थिति बन जाती थी। अब भूमि मुक्त होने से नदी का प्राकृतिक बहाव पुनः बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है।






