
क़रीब 16 करोड़ की परियोजना बनी परेशानी का कारण, जर्जर सड़क से बढ़ा हादसों का खतरा
नारेहड़ा। गोपालपुरा मोड़ से चिमनपुरा तक बनने वाली चार लेन सड़क का निर्माण कार्य दो साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। करीब 16 करोड़ रुपए की लागत से बन रही यह सड़क अधूरी पड़ी है और निर्माण कार्य बेहद कछुआ गति से चल रहा है। इससे स्थानीय लोगों को रोजाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं। वाहन चालकों को हर दिन जोखिम उठाना पड़ता है। बरसात के दिनों में सड़क पर पानी भर जाता है, जिससे दोपहिया वाहन फिसल जाते हैं और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

धीमी गति से चल रहे कार्य पर उठे सवाल
ग्रामीण व राहगीरों का कहना है कि सड़क निर्माण का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है। कई बार काम शुरू होता है, तो कुछ ही दिनों में रुक जाता है। न तो साइड का काम पूरा हुआ है, न ही सड़क की मरम्मत या लेयरिंग का काम संतोषजनक रूप से हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि PWD कोटपुतली को इस परियोजना की सख्ती से निगरानी करनी चाहिए ताकि ठेकेदार कंपनी समय पर काम पूरा करे। दो साल से काम अधूरा पड़े रहने से जनता का धैर्य अब टूटने लगा है।
जनता की परेशानी बढ़ी, दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है
इस सड़क से रोजाना गोपालपुरा, चिमनपुरा, अजीतपुरा, नयागांव, रायकरणपुरा, जयसिंहपुरा, रामसिंहपुरा और आसपास के कई गांवों के लोग कोटपुतली की ओर आते-जाते हैं। खराब सड़क के कारण वाहनों की गति काफी धीमी रहती है, जिससे समय की बर्बादी के साथ ईंधन की खपत भी बढ़ गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि स्कूल बसें और एंबुलेंस भी इस मार्ग से गुजरने में दिक्कत महसूस करती हैं।

जनता ने की अधिकारियों से जवाबदेही तय करने की मांग
लोगों का कहना है कि अगर निर्माण कार्य तय समय पर पूरा हो जाता, तो आज इस मार्ग से सफर आसान हो जाता। लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की सुस्ती के कारण सड़क अधूरी है। लोगों का कहना है कि सड़क जनता के पैसों से बन रही है, इसलिए विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि परियोजना समय पर और अच्छी गुणवत्ता में पूरी की जाए।
स्थानीय प्रशासन चुप, जनता में बढ़ रहा असंतोष
मामले पर अब तक न तो प्रशासन की कोई प्रतिक्रिया आई है और न ही अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया है। धीरे-धीरे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है।
जनता का सवाल है — 16 करोड़ की लागत से बनने वाली यह चार लेन सड़क आखिर कब पूरी होगी?
अब देखना यह है कि संबंधित विभाग और अधिकारी कब सक्रिय होते हैं और इस अधूरी परियोजना को पूरा करवाने के लिए ठोस कदम उठाते हैं।



