न्यूज़ चक्र @ Kotputli. दीपावली पर अगर दीपक की लौ ना जगमगाये तो ‘ दीपावली ‘ शब्द ही अधूरा रह जाता है। अभी तक हम और आप दिवाली पर मिटटी से बने दीपक ही देखते आये है। लेकिन जयपुर जिले के कोटपूतली के गांव खड़ब में साधू – संत गौ – गोबर के मिश्रण से युक्त दीपक तैयार कर रहे है। साधु – संतों का कहना है की गौ- गोबर से बने दीपक बाजार में मिलने वाले अर्टिफिशियल दीपक व मोमबत्ती व इलेक्ट्रिक दीपक से बेहतर होते है। कोटपूतली के खड़ब गांव में ये दीपक श्री सीताराम जी बड़ा मंदिर में तैयार किये जा रहे है।

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Kotputli : मंदिर महंत ने बताई दीपक तैयार करने की विधि
खड़ब गांव के श्री सीताराम जी बड़ा मंदिर महंत महावीर दास त्यागी ने बताया कि यहाँ मंदिर में ये दीपक प्रतिवर्ष तैयार किये जाते है। इन्हें बनाने के लिए गाय का शुद्ध गोबर, मुल्तानी मिटटी, ग्वार गम व एक तरह के पाउडर का इस्तेमाल होता है। मंदिर के सेवादार इन्हें तैयार करते है। मंदिर महंत ने बताया की हमें पटाख़े व अन्य प्रदूषण जनित वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे पर्यावरण को नुकसान होता है।
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kotputli : 2 हज़ार दीपक होंगे तैयार (Kotputli: Sadhus are preparing lamps with cow dung, the message of pollution free Diwali )
मंदिर महंत महावीर दास त्यागी ने बताया कि ‘ दीपावली ‘ दीपकों की अवलि यानि दीपकों की पंक्ति सजाने का त्यौंहार है। इसलिए करीब 2 हज़ार दीपक तैयार किये जा रहे है। मंदिर महंत ने बताया की मंदिर परिसर में ही गौ- शाला है जहाँ सैकड़ों गाय हैं, जिनसे शुद्ध गोबर प्राप्त हो जाता है।
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