न्यूज़ चक्र, कोटपुतली। विकास वर्मा। रविवार को कोटपुतली नगर पालिका बोर्ड के चुनाव परिणाम जारी होने के साथ ही सियासत दारों ने अपने-अपने समीकरण बिठाने शुरू कर दिए थे। लेकिन चुनाव परिणाम के बाद चुनाव आयोग द्वारा 20 अक्टूबर 2019 को जारी गजट नोटिफिकेशन को ध्यान से देखा गया तो कई सियासत दारों के पैरों तले जमीन खिसकती नजर आई।
आपको बता दें कि कोटपूतली नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष पद के लिए सीट महिला आरक्षित मानी जा रही थी। जबकि जारी गजट नोटिफिकेशन में यह सीट सामान्य है जिस पर कोई भी दावेदारी जता सकता है। राजनीति में मजबूत दमखम रखने वाले प्रत्याशियों ने अपने-अपने वार्डों से महज इसलिए महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा कि वे नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष सीट महिला आरक्षित मानकर चल रहे थे।
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मीडिया द्वारा रविवार को नोटिफिकेशन संबंधी समाचार जारी करने के साथ ही शहर की सियासत में हलचल तेज हो गई है। जहां एक तरफ महिला सीट आरक्षित मानकर चुनाव ना लड़ने वाले लोग रोष जता रहे हैं वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्याशियों में अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए होड़ सी मच गई है। अब निर्दलीय प्रत्याशी भी अपना-अपना गठजोड़ बिठाने में जुट गए हैं। वैसे भी कोटपुतली नगरपालिका के 40 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस 8 – 8 सीट पर सिमट कर रह गई है और बाजी निर्दलीयों के हाथ में ही है। ऐसे में अब गजट नोटिफिकेशन की गफलत ने और पेच फंसा दिया है।
निर्वाचन अधिकारी सुनीता मीणा के मुताबिक कोटपुतली सीट ‘सामान्य’ सीट है यानी अनारक्षित सीट है, जिस पर महिला या पुरुष कोई भी चुनाव लड़ सकता है ।