यदि आपका प्रकरण न्यायालय में लम्बित है अथवा प्रकरण दायर करने की सोच रहे है तो प्रि- लिटिगेशन केस के रूप में तत्काल दायर कर आप सभी इसका लाभ उठा सकते है ।
न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के संयुक्त तत्वाधान में 13 अगस्त को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जाएंगी। लोक अदालत के सफल क्रियान्वयन की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं।
कोटपूतली में मंगलवार को तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष व एडीजे प्रथम भारत भूषण शर्मा की अध्यक्षता में कोटपूतली क्षेत्र के सभी न्यायिक अधिकारियों तथा राजस्व न्यायालयों के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें एडीजे तृतीय श्रीमती रेणुका हुड्डा सहित एसीजेएम प्रथम निलेश चौधरी, एसीजेएम द्वितीय श्रीमती रिचा चौधरी, एमजेएम ऋषभ अग्रवाल व एएमजेएम मीनाक्षी अग्रवाल, पावटा एसडीएम राजवीर सिंह यादव, डीवाईएसपी डॉ. संध्या यादव, तहसीलदार सूर्यकांत शर्मा, पावटा तहसीलदार ओम प्रकाश गुर्जर सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें एडीजे ने अधिकारियों को अधिकाधिक राजस्व संबंधी प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रेफर करने के लिए निर्देशित किया। एडीजे भारत भूषण शर्मा ने बताया कि लोक अदालत में वैवाहिक, पारिवारिक विवाद, मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम प्रकरण, सभी दीवानी प्रकरण, श्रम एवं औद्योगिक विवाद, पेंशन मामले, बैंक वसूली मामले, सभी राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण व विवाद पूर्व प्रकरण निपटाए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति जिसका मामला न्यायालय में लंबित है अथवा जो व्यक्ति प्रकरण दायर करने की सोच रहे हैं तो प्रि- लिटिगेशन केस के रूप में तत्काल इसका लाभ उठा सकते हैं।
लोक अदालत कहाँ लगेगी ?
सभी न्यायालय सिविल आपराधिक पारिवारिक, एम.ए.सी.टी और उच्च न्यायालयों में ।
लोक अदालत किस प्रकार के मुकदमों का फैसला कर सकती है ?
वैवाहिक / पारिवारिक विवाद मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम प्रकरण सभी दीवानी प्रकरण श्रम एवं औद्योगिक विवाद पेंशन मामले बैंक वसूली मामले सभी राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण विवाद पूर्व प्रकरण।
कैसे काम करती है लोक अदालत ?
दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामें से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारान की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है ।
प्री – काउन्सलिंग- प्रकरण को दिनांक 13 अगस्त 2022 से पूर्व ही विचार कर समझोता का अवसर दिया जाएगा। पक्षकारान को राजीनामे हेतु प्रेरित किया जाएगा एवं पक्षकारों को यह अवसर मिलता है कि वो दूसरे पक्ष की शर्तें जान सके और तय कर सके कि किन शर्तों के तहत उनके प्रकरण का निस्तारण होगा ।
आपको क्या करना है ?
स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / तालुका विधिक सेवा समिति में जाकर यथाशीघ्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें ।
कहाँ सम्पर्क करें ?
उस न्यायालय में जहाँ आपका मुकदमा चल रहा है । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / तालुका विधिक सेवा समिति हेल्प लाईन नं . 8306002120 पर संपर्क करें ।