
न्यूज चक्र (रमेशचंद्र)। लोकगायक मनदीप खरेरा ने अपने पहले गीत “भीम जी की गाथा अमर रहेगी” के साथ डॉ. भीमराव अंबेडकर को एक अनोखी संगीतमय श्रद्धांजलि दी है। इस गीत के लेखक दीपदीपिका (मोलावास) ने अंबेडकर के विचारों, जीवन दर्शन और संघर्षों को बहुत ही संवेदनशील तरीके से प्रस्तुत किया है। गीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश है जो हर वर्ग को जागरूक करने की क्षमता रखता है।दृश्यों में अंबेडकर आंदोलन और सामाजिक समानता की पुकार स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

मनदीप खरेरा ने अपनी पहली प्रस्तुति से ही लोकसंगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाने की शुरुआत कर दी है। यह गीत न केवल डॉ. अंबेडकर की महानता का बखान करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को उनके मूल्यों से जोड़ने का भी काम करता है।यह गीत एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक आंदोलन की गूंज है जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करती है ।