नई दिल्ली: भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर (Diksha Dagar) ने बुधवार को खेल मंत्रालय (Sports Ministry) द्वारा अर्जुन पुरस्कार (Arjun Award) के लिए उनके नाम की पुष्टि करने के बाद कहा कि वह अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करेंगी।
खेल मंत्रालय ने बुधवार को वार्षिक खेल पुरस्कारों के लिए नामित खिलाड़ियों के नाम पर अपनी मुहर लगा दी। दीक्षा उन 26 खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नौ जनवरी को राष्ट्रपति भवन में अर्जुन पुरस्कार से नवाजेंगी। जाने माने गोल्फ कोच जसकीरत सिंह ग्रेवाल को द्रोणाचार्य पुरस्कार (जीवन पर्यंत उपलब्धि) के लिए चुना गया है।
सिमोन एशिया पैसीफिक कप में खेलने के लिए जकार्ता में मौजूद बाएं हाथ की खिलाड़ी दीक्षा ने कहा, ‘‘मैं पिछले कई वर्षों से पेशेवर खिलाड़ी के रूप में खेल रही हूं। लेकिन 2023 में मैंने प्रगति की और अच्छी खिलाड़ी बनी। मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकती हूं और निश्चित तौर पर अगले साल पेरिस ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगी।”
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तोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली दीक्षा ने कहा, ‘‘यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाना एक बड़ा सम्मान है। मैं इतने सारे लोगों और संगठनों से मिले समर्थन और प्रोत्साहन की लाभार्थी हूं। यह निश्चित रूप से हम सभी के लिए पुरस्कार है।” दीक्षा का 2024 पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना लगभग तय है।
दीक्षा के लिए 2023 सत्र अच्छा रहा। इस दौरान उन्होंने अपना दूसरा लेडीज यूरोपियन टूर खिताब जीता, एलईटी ऑर्डर ऑफ मेरिट में तीसरे स्थान पर रहीं और एआईजी महिला ओपन में संयुक्त रूप से 21वें स्थान पर रहकर किसी भारतीय द्वारा अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हरियाणा की इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने सत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। वह 10 टूर्नामेंट में शीर्ष 10 में रहीं जिसमें चेक गणराज्य में खिताब भी शामिल है।
जसकीरत के प्रशिक्षुओं में पुरुषों में शुभंकर शर्मा और अजितेश संधू तथा महिलाओं में त्वेसा मलिक और अमनदीप द्राल जैसे शीर्ष पेशेवर गोल्फर शामिल हैं। इसके अलावा कई जूनियर गोल्फर भी हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय गोल्फ कोच जसकीरत ने कहा, ‘‘यह जीवन भर के काम का नतीजा है और मैं अपने सभी प्रशिक्षुओं के समर्पण और वफादारी के लिए आभारी हूं। यह पुरस्कार उसी का परिणाम है।” उन्होंने कहा, ‘‘गोल्फ कोच के लिए पुरस्कार का मतलब यह भी है कि सरकार और मंत्रालय ने खेल की क्षमता और भारत में हमारे पास मौजूद प्रतिभा को पहचाना है।” (एजेंसी)
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