रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल, बे- खबर प्रशासन !

रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल, बे- खबर प्रशासन !

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रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल, बे- खबर प्रशासन !

News Chakra. kotputli News. रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल हो उठा है। ठंड से बचाव के इंतजाम नहीं होने से शहर के बस स्टैण्ड, जिला अस्पताल व सब्जी मण्डी सहित अन्य स्थानों पर रात में ठहरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में कहीं भी अभी तक अलाव के इंतजाम भी नहीं किए गए हैं। ठंड और गलन से लोग कांपते नजर आ रहे हैं। वहीं मौसम विभाग ने अभी शीत लहर व ठंड बढ़ने का अलर्ट भी जारी कर रखा है। ऐसे में मुसाफिरों व बेसहारा लोगों को सर्दी का प्रकोप झेलना पड़ रहा है।

रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल, बे- खबर प्रशासन !

शहर के जिला अस्पताल व सब्जी मण्डी में आने वाले लोगों के लिए ठहरने के लिए रैन बसेरे की आवश्यकता है। सुबह कोहरा छा जाने की समस्या के चलते सब्जी मण्डी के व्यापारी रात में ही आ जाते हैं। लेकिन मण्डी परिसर या शहर में कहीं भी रात के समय ठहरने के लिए कोई प्रशासनिक इंतजाम नहीं किए गए है। रात के समय यात्रियों व सब्जी मण्डी के ड्राईवरों को ठिठुरन में रात गुजारनी पड़ रही है।

इसी तरह से कोटपूतली जिला अस्पताल में प्रतिदिन 4 हजार के लगभग मरीजों व उनके परिजनों का आवागमन होता है। ऐसे में भर्ती मरीजों की संख्या भी सैकड़ों में होती है। भर्ती मरीजों के पास रहने वाले परिजनों को या तो अस्पताल परिसर में टेबल या फर्स पर रात गुजारनी पड़ रही है या फिर अस्पताल से बाहर होटल किराए पर लेना पड़ता है। अधिकतर मरीज अस्पताल परिसर में ही इधर – उधर अलाव तापकर रात गुजारने को मजबूर हैं, लेकिन यहां भी रैने बसेरे की कोई व्यवस्था नहीं है।

रैन बसेरे के अभाव में शीत लहर और ठंड से जनमानस बेहाल, बे- खबर प्रशासन !

कोटपूतली पुलिया के नीचे गुजर बसर करने वाले खेमा राम, मांगेलाल व सोहनी ने बताया कि ना ओढ़ने का है ना बिछाने का। अभी तक ना ही तो किसी भामाशाह ने कोई मदद की है और ना ही कोई सरकारी मदद मिल पा रही है। सर्दी में नीचे मिट्टी में सोना पड़ रहा है।

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रैन बसेरे बिना सड़क पर डेरे

नगरपरिषद के मनोनीत पार्षद तारा पूतली का कहना है कि ‘ यह बहुत निंदनीय बात है कि यहां रैन बसेरे की व्यवस्था नहीं है और लोग सर्द रात में ठिठुरन को मजबूर है। जबकि दिल्ली – जयपुर नेशनल हाइवे पर यह सबसे बड़ा शहर है।
आपको बता दें कि शहर में रोडवेज बस स्टैण्ड के पास व नगर परिषद कार्यालय परिसर में नगर परिषद की ओर से अस्थायी रैन बसेरा बनाया जाता है। लेकिन इस वर्ष अभी तक नगर परिषद ने इस ओर कोई कदम नहीं बढ़ाया है।

नगर परिषद पार्षद प्रमोद गुरूजी ने बताया कि कई बार नगर परिषद कार्यालय में रैन बसेरा लगाने के लिए कहा जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि कोटपूतली पुलिया के नीचे झाडू बनाने वाले परिवारों के छोटे -छोटे बच्चे व महिलाऐं सर्द रात में अलाव तापकर या जागकर रात बिताने को मजबूर हैं।

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रोडवेज बस स्टैण्ड, मुख्य चौराहे, जिला अस्पताल, सब्जी मण्डी व एलबीएस कॉलेज के समीप पुलिया के नीचे अस्थाई रैन बसेरा बनाया जाना जरूरी है। यहां यात्रियों के साथ ही रिक्शा व ई-रिक्शा चालकों व खोमचा व ठेला लगाने वाले लोग इस कड़ाके की ठंड से ठिठुरन को मजबूर हैं।

जानकारी के अनुसार कोटपूतली नगरपरिषद पार्क के समीप सार्वजनिक शौचालय परिसर में रैन बसेरा बना रखा है, लेकिन वहां ना ही तो कोई बाहरी व्यक्ति पहुंच पाता है और ना ही किसी बाहरी व्यक्ति को रैन बसेरे में प्रवेश दिया जाता है। यहां तक कि देर रात जयपुर या दिल्ली से आने वाले यात्रियों को भी या तो किसी होटल का कमरा तलाशना पड़ता है या फिर मजबूरन फुटपाथ पर ही रात बितानी पड़ती है। ऐसे में कई बार यात्रियों व राहगीरों से लूटपाट की घटनाऐं भी हो जाती हैं।

सर्दी के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन से अपेक्षा है कि जल्द से जल्द अस्थायी रैन बसेरे की व्यवस्था की जाए ताकि जरूरतमंद आमजन को राहत मिल सके।

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