न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। आज पूरा देश रामनवमी मना रहा है. कोटपूतली भी श्री राम भक्ति में रंगा हुआ है. लेकिन कोटपूतली के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. आज ही के दिन कोटपुतली शहर की स्थापना हुई थी और आज कोटपूतली शहर अपना 638 वां स्थापना दिवस मना रहा है. लेकिन प्रशासनिक रूप से कोटपूतली का यह ऐतिहासिक दिन फीका पड़ता दिखाई दे रहा है क्योंकि प्रशासनिक रूप से कोटपूतली शहर का स्थापना दिवस समारोह या उत्सव भुला दिया गया है. बुधवार दोपहर तक स्थापना दिवस के उपलक्ष में प्रशासनिक रूप से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई थी. ज्ञात रहे की स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर शहर में शहनाई वादन होता था और साथ ही स्थापना दिवस के दिन सुबह से ही शहर के मुख्य मार्गो पर तोरण द्वार सजाए जाते थे.
गौरतलब है कि कोटपूतली शहर का गौरवमय इतिहास रहा है. यहां के सरदार विद्यालय की स्थापना युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद के हाथों किए जाने का इतिहास में वर्णन है. वरिष्ठ इतिहासकार एमपी शर्मा ने तोरावाटी के इतिहास में विस्तार से कोटपूतली के ऐतिहासिक इतिहास का वर्णन किया है. लेकिन आज जैसे कोटपूतली स्थापना दिवस को भुलाकर इतिहासकार व इतिहास को भी भुला दिया गया है. तोरावती इतिहास के सयोंजनकर्ता डॉ राकेश शर्मा, साथ ही शहर के व्यापारी गण व सामाजिक संस्थान से जुड़े लोगों ने इसे निंदनीय करार दिया है।

स्थापना दिवस की दिलायी याद
कोटपूतली स्थापना दिवस के अवसर पर आज जब दोपहर तक भी प्रशासनिक रूप से कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ तो न्यूज़ चक्र संपादक विकास वर्मा ने फोन कर नगर परिषद आयुक्त को कोटपूतली स्थापना दिवस की याद दिलायी। जिस पर नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल ने बताया कि कोटपूतली स्थापना दिवस मनाए जाने की रूपरेखा अभी तैयार की जा रही है थोड़ी देर में कार्यक्रम सूची जारी होगी।
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