नवभारत स्पोर्ट्स डेस्क: आईपीएल (IPL) की तैयारियां शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए कड़े नियम (IPL Title Rights) लाए हैं। बीसीसीआई ने फ्रेंचाइजों के लिए कुछ शर्तें रखी है। विशेष रूप से, बीसीसीआई ने संकेत दिया है कि कोई भी चाइनीज चीज़ों (Chinese Brand) का या उसके स्पोंसर ब्रांड (Chinese Sponsor Brand) का इस्तेमाल आईपीएल में नहीं करेगा। साथ ही उन देशों के ब्रांड और चीजें इस्तेमाल नहीं होंगे, जिनसे भारत के अच्छे संबंध नहीं है।
हालांकि, इस दौरान बीसीसीआई ने किसी भी देश का उल्लेख नहीं किया है। लेकिन BCCI के इस रुख और निर्णय से साफ़ पता चलता है कि उनका इशारा चीनी ब्रांड की तरफ है। क्योंकि चाइना के भारत के साथ रिश्ते कुछ खास नहीं है। सिमा विवाद के बाद से ही यह स्थिति पैदा हुई और अब स्थिति ये है कि आईपीएल में कोई भी चाइना का ब्रांड इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं आईपीएल की सभी फ्रेंचाइजी को बीसीसीआई को एक लिस्ट देना होगा, जिसमें उसके सभी शेयरहोल्डर और कंपनियों के डिटेल्स होंगे।
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इतना ही नहीं क्रिकबज की खबर की मानें तो आईपीएल टाइटल स्पॉन्सर के लिए रिजर्व प्राइस 360 करोड़ रुपए है। इसके अलावा बेटिंग, फैंटेसी गेम्स, स्पोर्ट्सवियर, अल्कोहल उत्पादों और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियां आईपीएल टाइटल स्पॉन्सर के लिए ऑक्शन का हिस्सा नहीं होंगी।
जानकारी के लिए बता दें कि आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन (ipl 2022 mega auction) से पहले ही बीसीसीआई ने चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो (VIVO) को आईपीएल से बाहर कर दिया था। उसकी जगह भारत के सबसे बड़े व्यवसाय समूह में से एक टाटा समूह (Tata group new IPL sponsor ) को आईपीएल का प्रायोजक बनाया था। अभी भी टाटा ही आईपीएल के साथ बना हुआ है।
बताते चले कि बीसीसीआई टाइटल स्पॉन्सर की तलाश कर रहा है। आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर आगामी 5 सालों के लिए होगा। जिसका मतलब है कि यह कॉन्ट्रेक्ट आईपीएल 2024 से लागू होगा और आईपीएल 2028 तक रहेगा। फ़िलहाल बीसीसीआई ने इसके लिए रिजर्व प्राइस 360 करोड़ रुपए सलाना रखा है।
PC : enavabharat
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