अस्पतालों की 'ऑक्सीजन' खींच रही 'लापरवाही', कोटपूतली में 79 नए संक्रमित मामले

अस्पतालों की ‘ऑक्सीजन’ खींच रही ‘लापरवाही’, कोटपूतली में 79 नए संक्रमित मामले

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न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। कोरोना वैश्विक महामारी के बीच स्थानीय मीडिया व प्रशासन की दखलंदाजी के बाद कोटपूतली बीडीएम जिला अस्पताल में आज साल भर से बंद पड़े वेंटीलेटरों को चालू कर दिया गया है। लेकिन कोटपूतली उपखंड में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। शुक्रवार को प्राप्त कोटपूतली बीसीएमएचओ कार्यालय के अनुसार 130 नए कोरोना पॉजिटिव मामले मिले हैं, इसमें से 51 दूसरे क्षेत्र से हैं। दूसरी ओर उपखंड क्षेत्र में ऑक्सीजन सप्लाई का संकट सामने आने लगा है।

आपको बता दें कि कोटपूतली उपखंड क्षेत्र में ग्रामीण हिस्से में कोरोना संक्रमण तेजी से अपने पैर पसार रहा है। शुक्रवार जारी कोरोना रिपोर्ट में पिछले 24 घंटे में 79 नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, वहीं कोटपूतली शहर की प्राइवेट अस्पतालों ने कोटपूतली स्थानीय प्रशासन से ऑक्सीजन सप्लाई की गुहार लगाई है। डॉ मनोज गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा केवल कोरोना पॉजिटिव लिए ऑक्सीजन आरक्षित की जा रही है जबकि दुर्घटनाग्रस्त या अन्य आपातकालीन स्थिति में सामान्य मरीज को भी ऑक्सीजन की आवश्यकता हो सकती है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन द्वारा प्राइवेट अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्ध ना करवाना भी स्थिति को गंभीर कर सकता है।

जनता की लापरवाही, अस्पतालों पर भारी

कहने को तो प्रदेश में जन अनुशासन पखवाड़ा लागू है। यानी कि इस दौरान प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को अनुशासित रूप से कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए। लेकिन हर कोई घर से बाहर यह देखने के लिए आमदा है कि सड़कों पर कितनी भीड़ है। कोई बैंक बैलेंस चेक करने के लिए सड़कों पर निकल पड़ा है तो किसी को महज दो नींबू की दरकार है। लेकिन आपको बता दें कि यही लापरवाही अब अस्पतालों पर भारी पड़ने लगी है।

याद रखिए, अगर हम एक दूसरे की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते चलें और किसी भी तरह की चीजें ना तो ब्लैक होने दें और ना ही ब्लैक करें। और हमारे पास आज की तारीख में जो संसाधन उपलब्ध है, हम उनका तरीके से और पूरा उपयोग करें तो जरूर कोरोना से जंग जीती जा सकती है। बस इतना याद रखिए कि लड़ेंगे और जीतेंगे जिंदगी की यह जंग।

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