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कोटपूतली: 50 घण्टे बीतने के बाद भी खाली हैं हाथ, बस एक ही दुआ सकुशल हो ‘बेटी’

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चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने का रेस्क्यू आपरेशन जारी

3 दिन से 700 फुट गहरे बोरवेल में 150 फुट पर अटकी हुई हैं 3 वर्षीय चेतना

सीसीटीवी कैमरे में कल से दिखना तक हुआ बंद, देशभर के कई हजारों लोग कर रहे हैं चेतना के सुरक्षित बाहर निकलने की दुआ

न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। कड़ाके की ठंड के बीच एक 3 साल की मासूम बेटी जमीन से 150 फुट नीचे, 700 फुट गहरे बोरवेल में पिछले 50 घंटे से अटकी हुई है। मासूम का कसूर इतना था कि वह घर के बाहर खेलते- खेलते इस खुले बोरवेल तक जा पहुंची थी। उसे क्या पता था कि परिजनों की यह लापरवाही उसकी ‘जान’ पर बनने वाली है। खैर, घटना के बाद से प्रशासन की ओर से बचाव कार्य जारी है, लेकिन अफसोस 50 घंटे बाद भी प्रशासन के हाथ अब तक खाली हैं।

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गौरतलब है कि सोमवार दोपहर करीब 2 बजे कोटपूतली के कीरतपुरा गांव के समीप ढाणी बड़ीयाली में एक 3 वर्षीय बालिका ‘चेतना’ घर के बाहर खेलते समय एक खुले बोरवेल में गिर गई। घटना के बाद मौके पर पहुंचे कोटपूतली जिला प्रशासन ने तुरंत बोरवेल को कब्जे में लेकर बालिका को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। मौके पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी हुई है। लेकिन अफसोस 50 घंटे बाद भी कोई सफलता नहीं मिल पाई है।

प्रशासन ने बताया टीमें प्लान ए व बी,  दोनों पर कर रही हैं काम

कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश चौधरी ने बताया कि NDRF और SDRF टीम प्लान A और B दोनों पर कर रही हैं। प्लेन ए के तहत इंजीनियर व अनुभवी लोगों की सहायता से बालिका को बाहर खींचने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि प्लान बी के तहत बोरिंग के समकक्ष खुदाई करवाई जा रही है। 

आपको बता दें कि प्लान A को चलते हुए 50 घंटे से ज्यादा  का समय हो चुका है, कामयाबी नहीं मिलने पर प्लान B भी  शुरू कर दिया गया है। प्रशासन को अभी भी प्लान A पर भरोसा है।

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