न्यूज़ चक्र. टीबी मुक्त अभियान: 10 से 25 मार्च तक होगा घर-घर सर्वे. राजस्थान में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए “टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान” का द्वितीय चरण 10 मार्च से 25 मार्च 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान के तहत जिले की 186 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में घर-घर सर्वे किया जाएगा, जिससे टीबी के नए मामलों की पहचान और उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान: एक राष्ट्रीय पहल
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत 1 जुलाई 2024 को की गई थी। इसके अंतर्गत पहला चरण 9 सितंबर 2024 से आयोजित किया गया था, जिसमें व्यापक स्तर पर घर-घर सर्वे और एक्टिव केस फाइंडिंग की गई थी। अब यह अभियान 10 मार्च 2025 से 25 मार्च 2025 तक अपने द्वितीय चरण में प्रवेश कर रहा है।
क्या होगा इस अभियान में?
186 ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में घर-घर सर्वे किया जाएगा।
टीबी के नए संभावित मामलों की पहचान (Active Case Finding) की जाएगी।
सर्वेक्षण डिजिटल प्लेटफॉर्म “एएनएम एवं आशा डिजिटल हेल्थ मोबाइल ऐप” के माध्यम से होगा।
टीबी के लक्षण पाए जाने पर मरीजों की बलगम जांच, एक्स-रे और अन्य आवश्यक जांच कराई जाएगी।
टीबी के मामलों की पुष्टि होने पर मरीजों को तुरंत इलाज के लिए मार्गदर्शन दिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम होगी शामिल
जिला स्तर पर इस अभियान की निगरानी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. आशीष सिंह शेखावत द्वारा की जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जय भगवान यादव ने बताया कि हर चिन्हित ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा।
सर्वेक्षण दल में शामिल होंगे:
महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता
आशा सहयोगिनी
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
टीबी चैंपियन और सामुदायिक स्वयंसेवक (आशा की अनुपस्थिति में)
कैसे किया जाएगा सर्वेक्षण और केस फाइंडिंग?
टीबी मुक्त अभियान के तहत प्रत्येक घर का सर्वे किया जाएगा। इस दौरान टीबी के लक्षणों की जांच की जाएगी, जैसे कि—
दो हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी रहना
बिना वजह वजन कम होना
रात में पसीना आना
लगातार बुखार रहना
अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण पाए जाते हैं, तो उनका बलगम परीक्षण और एक्स-रे करवाया जाएगा।
कोटपूतली में फ्लैट से युवक का शव बरामद, पुलिस जांच में जुटी
डिजिटल तकनीक से निगरानी और भुगतान
एएनएम और आशा डिजिटल हेल्थ मोबाइल ऐप के जरिए सर्वेक्षण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।
आशा कार्यकर्ताओं को ₹10 प्रति परिवार सर्वेक्षण के लिए मानदेय दिया जाएगा, जिसे आशा सॉफ्ट पोर्टल के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
बलगम के नमूने को स्वास्थ्य संस्थान तक पहुंचाने पर NTEP के दिशा-निर्देशों के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
असुरक्षित लोगों पर रहेगा विशेष ध्यान
जिला नोडल अधिकारी रविकांत जांगिड़ ने बताया कि इस अभियान के दौरान असुरक्षित और संवेदनशील समुदायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक टीबी मामलों की पहचान की जा सके और उन्हें समय पर उपचार मिल सके।
टीबी मुक्त भारत की ओर एक कदम आगे
सरकार का लक्ष्य 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है। ऐसे में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राजस्थान में इस अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में टीबी नियंत्रण की दिशा में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है।
Meaning of love…चल प्यार करें…
क्या करें अगर आपको या आपके किसी परिचित को टीबी के लक्षण दिखें?
नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं और जांच करवाएं।
निशुल्क दवाइयों और इलाज का लाभ लें।
समय पर पूरी दवा लें और इलाज अधूरा न छोड़ें।
टीबी के मरीजों को सामाजिक सहयोग दें और उन्हें प्रेरित करें।
टीबी मुक्त भारत की दिशा में योगदान दें!
10 से 25 मार्च 2025 तक चलने वाले इस अभियान में सहयोग करें। अगर आपको या आपके आसपास किसी को टीबी के लक्षण दिखें, तो तुरंत जांच करवाएं और “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” अभियान को सफल बनाएं!