
न्यूज चक्र, पावटा। नगर के सुप्रसिद्ध पावन स्थल बाबा भूतनाथ जोहड़ा धाम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में भक्ति, श्रद्धा और दिव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला। भक्तों की भावनाओं से सराबोर इस आध्यात्मिक आयोजन में जैसे-जैसे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन होता गया, वैसे-वैसे पांडाल में उपस्थित जनसमूह भावविभोर होता गया।

पूज्य पंडिता अखिलेश्वरी देवी ‘मानस माधुरी’ (चित्रकूट धाम, मध्यप्रदेश) द्वारा प्रस्तुत कथा में कंस वध, द्वारकाधीश रूप में श्रीकृष्ण का राज्याभिषेक, 16,108 विवाह, तथा विशेष रूप से देवी रुक्मिणी हरण एवं विवाह प्रसंग ने समस्त पांडाल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। जब देवी रुक्मिणी को भगवान श्रीकृष्ण स्वयं रथ में बिठाकर ले गए और उनका विवाह संपन्न हुआ, तो समस्त वातावरण ‘जय श्रीकृष्ण’, ‘जय रुक्मिणी वल्लभ’ के उद्घोष से गूंज उठा।

पंडाल में उपस्थित श्रद्धालु उस क्षण को मानो साक्षात अनुभव कर रहे थे, जैसे स्वयं द्वारका का भव्य विवाह समारोह धरती पर उतर आया हो। पूज्य पंडिता जी की वाणी से निकले प्रत्येक प्रसंग में इतना भाव था कि श्रोता आँखों में आँसू और हृदय में भक्ति की तरंगें लेकर उस अलौकिक प्रेम कथा में डूबते चले गए।
विवाह प्रसंग के दौरान लोक भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुत बधाई गीतों और सजीव लोकगीतों की प्रस्तुति ने पांडाल में ऐसा समां बाँध दिया कि श्रद्धालु भावनाओं में बहकर झूम उठे। कथा के मध्य भजनों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण और देवी रुक्मिणी के विवाह की शुभकामनाएँ गाई गईं, जिससे वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो गया।
इस दिव्य आयोजन का शुभारंभ मुख्य यजमान भगवती देवी, विमल गर्ग, नवल गर्ग एवं केशव कमल गर्ग सपरिवार द्वारा आरती कर किया गया। यह आयोजन बाबा जयराम दास महाराज के सान्निध्य में, स्व. बंशीधर अग्रवाल एवं स्व. कमल कुमार अग्रवाल की पुण्य स्मृति में आयोजित किया गया। आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था बाबा भूतनाथ मंदिर जोहड़ा धाम पावटा कमेटी तथा मंगल चंद–पवन कुमार गर्ग (कैलाश क्लॉथ स्टोर) के नेतृत्व में भव्य रूप से संपन्न हो रही है।
अपने प्रवचनों में पूज्य पंडिता अखिलेश्वरी देवी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण केवल अधर्म के विनाश के लिए नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति, और धर्म की पुनर्स्थापना हेतु हुआ। उन्होंने श्रीकृष्ण द्वारा अनेक राक्षसों का वध जैसे पूतना, बकासुर, अघासुर, एवं कालिया नाग के दमन की कथाओं के माध्यम से यह संदेश दिया कि जब-जब संसार में अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान स्वयं अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हैं।
इस आयोजन में पावटा नगर के अनेक गणमान्य नागरिक – मंगल चंद गर्ग, पवन गर्ग, प्रदीप गर्ग, लक्ष्मण सिंह शेखावत, जगदीश रावत, दिनेश शर्मा, मामराज, संतोष गुप्ता, दिनेश शर्मा गुरुजी, रामदयाल टांक, अश्विनी शर्मा, रघुवीर शरण टांक, दसरथ टांक, पूरण यादव, उमेश टांक सहित बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाएँ उपस्थित रहे। सभी श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया और धर्म, भक्ति एवं आध्यात्मिकता से परिपूर्ण इस महाआयोजन का हिस्सा बनकर स्वयं को धन्य माना।