विकास प्रजापत मौत मामला : आरोपियों के पक्ष में निकाला पैदल मार्च, ज्ञापन सौंपकर पुलिस पर बिना सबूत के पक्षकारों पर दबाव बनाने का आरोप !

विकास प्रजापत मौत मामला

विकास प्रजापत मौत मामले में जहां एक तरफ पीड़ित परिवार व सर्व समाज संघर्ष समिति बनाकर संघर्षरत है, वहीं अब आरोपियों के पक्ष में भी ज्ञापन सौंपकर ‘ निष्पक्ष जाँच ‘ की मांग की गई है… पढ़िए पूरी खबर….

News Chakra @ kotputli. शहर के बड़ाबास विकास प्रजापत की संदिग्ध मौत की गुत्थी पुलिस डेढ़ माह में भी नहीं सुलझा पाई है। एक तरफ पीड़ित परिवार व सर्व समाज के लोग ‘संघर्ष समिति ‘ बनाकर आंदोलनरत है। कैंडल मार्च निकाल रहे है, धरना- प्रदर्शन कर रहे है, बार- बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगा रहे है।

वहीं मामले में आज आरोपियों के पक्ष में स्वर्णकार समाज के नेतृत्व में पैदल मार्च निकालकर ‘ पुलिस पर बिना सबूतों के परेशान करने का आरोप लगाते हुए एस डी एम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।

विकास प्रजापत मौत मामला
श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज द्वारा सौंपा गया ज्ञापन

श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के अध्यक्ष रामलाल सोनी व अम्बेडकर विचार मंच के अध्यक्ष एड. सतीश निमोरिया समेत अन्य लोगों के हस्ताक्षरित ज्ञापन में ‘ पुलिस द्वारा बार- बार संदिग्ध युवकों को परेशान करने की बात लिखी गई है। ज्ञापन की प्रतिलिपी एएसपी विधा प्रकाश व एसएचओ सवाई सिंह को भी सौंपी गई।

इस दौरान श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के उपाध्यक्ष दिलीप कुमार सोनी, महासचिव मनोज सोनी, रोहिताश भगतजी, मेवाराम पायला, घीसाराम पायला, मंगलराम, नानक वाल्मिकी, हनुमान सरपंच, रामकरण नून, पूरण नून, राजवीर, यशवंत सोनी, एड. जीतु नैनावत, सत्यवीर सोनी, पूर्व सरपंच यादराम सिरोडिय़ा, जीतु आर्य, सुभाष चंद महरानियां, नवरत्न गोठवाल, श्याम सुंदर आर्य, महेन्द्र अवाना व प्रवीण शर्मा समेत अन्य मौजूद थे।

विकास प्रजापत मौत मामला
श्री मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज द्वारा सौंपा गया ज्ञापन

लोगों का कहना है कि पुलिस बिना किसी बात के रोजाना दिन व रात्रि के वक्त बुलाकर पुछताछ करती है। इससे मामले में नामजद युवक व उनके परिजन बुरी तरह से मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहे है। जबकि उनके द्वारा लगातार पुलिस को जाँच में सहयोग किया जा रहा है। आरोपित पक्ष का कहना है कि घटना एक हादसा है, मामले को राजनैतिक दबाव के चलते जबरन तुल दिया जा रहा है। इसलिए पुलिस बिना किसी दबाव में आये निष्पक्ष व न्यायिक जाँच कर प्रकरण का पटाक्षेप करें।

वक्ताओं ने यह भी कहा कि पुलिस को पॉलीग्रॉफी टेस्ट की अनुमति मिली है, उसमे भी भरपुर सहयोग किया जायेगा। लेकिन राजनैतिक दबाव में आकर किसी भी निर्दोष को प्रकरण में जबरन ना फंसाया जाये।

युवक की संदिग्ध मौत मामला : प्रदर्शन, सीबीआई जाँच की माँग पर अड़े परिजन

पीड़ित पक्ष निरन्तर दोषियों की गिरफ्तारी या सीबीआई जाँच की कर रहा है माँग

उल्लेखनीय है कि उक्त प्रकरण में लगभग 50 दिनों का समय बीत चुका है। लगातार मृतक के परिजन व पूर्व विधायक रामस्वरूप कसाना, बीजेपी नेता मुकेश गोयल, शंकरलाल कसाना, कर्मवीर बोकन, पूर्व नगरपालिका चेयरमैन महेंद्र सैनी, जदयू नेता रामनिवास यादव, विहिप नेता पूरणमल भरगड़ समेत सर्वसमाज व नगर व्यापार मंडल मामले का खुलासा करने के साथ- साथ निरन्तर दोषियों की गिरफ्तारी अथवा सीबीआई जाँच की माँग कर रहे है। वहीं पुलिस के हाथ अभी तक खाली है।

विकास प्रजापत मौत मामला : पुलिस को मिली पॉलीग्रॉफी टेस्ट की अनुमति

इस सम्बंध में पुलिस को आरोपियों का पॉलीग्रॉफी टेस्ट की अनुमति मिल चुकी है। डीएसपी गौतम कुमार ने बताया कि मृतक के साथ मौजूद सभी सातों आरोपियों का पॉलीग्रॉफी टेस्ट करवाया जायेगा। इसकी अनुमति कोर्ट ने दे दी है। अब जयपुर ग्रामीण एसपी कार्यालय की ओर से टेस्ट का दिन तय किया जायेगा।

जिसके बाद एफएसएल के द्वारा ये टेस्ट करवाये जायेगें। जल्द ही इसकी एफएसएल लैब से तारिख तय हो जायेगी। दरअसल पुलिस को इस बात का संशय है कि मृतक के साथ मौजूद युवकों ने उसकी हत्या की है या नहीं। क्योंकि इस बाबत कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे है। इसका दुसरा पहलु यह भी है कि पुलिस पर लगातार जाँच का दबाव बढ़ता जा रहा है।

क्या है मामला

उल्लेखनीय है कि विगत 4 दिसम्बर की रात्रि को करीब 8 बजे कस्बे के मौहल्ला बड़ाबास निवासी युवक विकास (20) अपने दोस्तों के साथ किसी समारोह में गया था। शनिवार 5 नवम्बर की अल सुबह 7 बजे युवक के परिजनों को सूचना मिली कि आपके लडक़े विकास की मृत्यु हो गई है। जिसका शव राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। सूचना पर मृतक के परिजन जिला अस्पताल पहुँचे। जहाँ मोर्चरी में उसके शरीर पर चोट के निशान भी देखे गये।

इस सम्बंध में मृतक के पिता प्रकाश चंद कुमावत ने हत्या की आशंका जताते हुए विगत 5 नवम्बर को स्थानीय थाने में नामजद मामला भी दर्ज करवाया था। परिजनों का आरोप है कि मृतक के शरीर पर चोट व रस्सीनुमा चीज से बांधे जाने के निशान थे। साथ ही उसके अन्डर गारमेंट्स व जुते एवं मोबाईल भी गायब थे। पुलिस जान बुझकर मामले को भटका रही है। अभी तक उसके अन्डर गारमेंट्स व मोबाईल को बरामद नहीं किया गया है।

जबकि मृतक के जुते व एक बिजली का तार घटना स्थल के पास से पूर्व में ही बरामद कर लिया गया था। बहरहाल मामले में सच्चाई जो भी हो, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा कर दिया है।

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