लोगों ने जिसे मरा हुआ समझा, सतीश ने उसमें फूंक दी ‘जान’, ‘इलाज’ के बाद डॉक्टरों ने किया वार्ड में शिफ़्ट, ‘मौत’ !
बीडीएम का इलाज देखिए, ‘ उपस्थित चिकित्सकीय स्टाफ ने घायल युवक को इलाज देकर अस्पताल के वार्ड में शिफ्ट कर दिया… और शिफ्ट करने के 1 घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई…
न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। बीडीएम जिला अस्पताल के बाहर एक ट्रोले की चपेट में आए युवक को लोगों ने मृत समझकर साइड कर दिया और पुलिस का इंतजार करने लगे। लेकिन इसी दौरान मौके पर पहुंचे सतीश खटाना ने युवक की नब्ज देखी तो वह जिंदा लगा, जिस पर सतीश ने युवक की छाती पर पंपिंग (सीपीआर) की व… और जिस युवक को लोग मृत समझ रहे थे उसकी सांसे तेज चलने लगी। आनन- फानन में लोगों ने घायल युवक को बीडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया।
… लेकिन बीडीएम का इलाज देखिए, ‘ उपस्थित चिकित्सकीय स्टाफ ने घायल युवक को इलाज देकर अस्पताल के वार्ड में शिफ्ट कर दिया… और शिफ्ट करने के 1 घंटे बाद उसकी मृत्यु हो गई। जानकारी में सामने आया है कि युवक के साथ कोई भी जानकार या परिचित नहीं था जिसकी वजह से इलाज में लापरवाही बरती गई। उसे जयपुर रैफर करने की बात भी चली लेकिन कोई परिचित साथ ना होने के चलते उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि घायल युवक यूपी क्षेत्र का रहने वाला था।
जानकारी के अनुसार सुबह करीब 11 बजे बीडीएम जिला अस्पताल के बाहर सर्विस लाइन पर एक युवक वहां से गुजर रहे ट्रोले की चपेट में आ गया। ट्रोले की चपेट में आने से युवक एकदम सड़क पर गिर गया और उसकी सांसे रुक सी गई।
गौरतलब है कि क्षेत्र में भारी वाहनों का आवागमन आमजन के लिए जानलेवा साबित हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर यातायात व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
लोगों ने की सतीश की तारीफ
अनजान घायल युवक को सीपीआर देकर जान फूंकने वाले सतीश खटाना कि लोगों ने तारीफ की। आपको बता दें कि सतीश खटाना बीडीएम अस्पताल में कार्यरत डाॅ. महेश कसाना के निजी असिस्टेंट है। सतीश खटाना ने बताया कि घायल युवक को सीपीआर देने के बाद बीडीएम की इमरजेंसी में भर्ती करवा दिया था। मौके पर थाना पुलिस भी आ गई थी। जिसके बाद वहां से आ गए थे लेकिन बाद में पता चला कि घायल युवक की 1 घंटे बाद मृत्यु हो गई।