
न्यूज़ चक्र, पावटा। रामनवमी के पावन अवसर पर पावटा की भूमि एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन की साक्षी बनी। यहां आयोजित 108 कुंडीय महामृत्युंजय रुद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति के शुभ अवसर पर देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भाग लिया और राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दिव्य आयोजन में उनके साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी मौजूद रहे।

यह महायज्ञ बाबा बस्तिनाथ की प्रेरणा और बाबा बालनाथ की स्मृति को समर्पित करते हुए आयोजित किया गया था, जो चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि पर अपने चरम पर पहुंचा। बीते एक वर्ष से लगातार चल रहे इस महायज्ञ में देशभर से हजारों श्रद्धालुओं ने भागीदारी की। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक भावनाओं को जाग्रत किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया।
पूर्णाहुति से पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा बस्तिनाथ की समाधि पर जाकर धोक लगाई और देशवासियों की शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना की। इस मौके पर उन्होंने कहा, “मैंने कई धार्मिक आयोजनों में भाग लिया है, लेकिन धर्म और समाज को जोड़ने का ऐसा अनुपम प्रयास मैंने पहले कभी नहीं देखा। यह आयोजन आत्मशुद्धि और समाजिक एकता का दुर्लभ उदाहरण है। मैं यहां भाषण देने नहीं, बाबा का आशीर्वाद लेने आया हूं।”

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस महायज्ञ को सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का प्रेरणास्रोत बताया और इसके आयोजकों को बधाई दी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी आयोजन की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि इस यज्ञ ने अध्यात्म, समाज और पर्यावरण के अद्भुत समन्वय का मार्ग प्रशस्त किया है।
हेलीकॉप्टर से पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री ने जैसे ही पावटा की धरती पर कदम रखा, वातावरण शंखनाद, मंत्रोच्चार और जयघोष से गूंज उठा। चारों ओर भक्ति का भाव, श्रद्धा की लहर और सनातन संस्कृति की छाया स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थी।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि इससे क्षेत्र को एक नई पहचान और गौरव भी प्राप्त हुआ है। पावटा में हुआ यह ऐतिहासिक यज्ञ वर्षों तक लोगों के स्मृति-पटल पर बना रहेगा।