मोटा अनाज : महिला व बाल विकास विभाग ने मनाया पोषण दिवस, गर्भवती महिलाओं को बताये मोटे अनाज के फायदे

1 min read
Read Time:3 Minute, 5 Second

न्यूज़ चक्र, कोटपुतली. मोटा अनाज भारतीय जीवन शैली का अहम हिस्सा रहा है. लेकिन हरित क्रांति के बाद से पाश्चात्य के प्रभाव में जब से भारतीयों की थाली से मोटा अनाज दूर हुआ है, भारतीय लोगों का शरीर रोगों का घर बन पड़ा है. लेकिन अब भारत सरकार ने मोटा अनाज की अहमियत को समझा और वर्ष 2023 को मिलेट्स ईयर घोषित करते हुए मोटा अनाज को “श्री अन्न”  नाम दिया. इसके बाद से लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लगातार सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. 

मोटा अनाज

गुरुवार को जिला कोटपूतली बहरोड के पवाना अहिर स्थित “नंदघर’ में महिला व बाल विकास विभाग, अनिल अग्रवाल फाउंडेशन व ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड के संयुक्त तत्वाधान में पोषण दिवस का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय पोषण मिशन के छठवें पोषण माह के तहत आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में गर्भवती और धात्री महिलाओं को शारीरिक व मानसिक विकास विषय के बारे में जानकारी दी गई. इस अवसर पर ममता वेदांता के सुपरवाइजर हेमेंद्र चौधरी व महिला व बाल विकास विभाग से ब्लॉक कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार शर्मा ने गर्भवती व धात्री महिलाओं को मोटे अनाज के फायदों के बारे में जानकारी दी.

हेल्थ केयर: मोटा अनाज बनाएगा सेहत, जानिए कैसे !

महिला व बाल विकास विभाग ब्लाक कोऑर्डिनेटर मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि मोटा अनाज पोषण व पौष्टिकता से भरपूर होता है. इसमें उपलब्ध फाइबर गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए जरूरी पोषण का काम करता है. गर्भवती महिलाओं को मोटा अनाज जिसमें बाजरा, रागी, मक्का, ज्वार, जौ इत्यादि शामिल होते हैं का उपयोग दलिया, खिचड़ी या आटे के रूप में करना चाहिए. 

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता, बबली सामरिया, सरोज यादव व अन्य उपस्थित महिलाओं ने ममता वेदांता व महिला व बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओं का आभार जताया वह दैनिक भोजन में मोटे अनाज को शामिल करने का भरोसा दिलाया.

अपने समाचार हमें व्हाट्सएप करें- 9887243320

Loading

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours

Leave a Reply