कोटपूतली जिला बनने को बेताब

कोटपूतली जिला बनने को बेताब, 23 से शुरू हो रहा है विधानसभा सत्र, क्या पूरी होगी उम्मीद !

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न्यूज चक्र, कोटपूतली। कोटपूतली जिला बनने को बेताब है और जैसा कि कयास लगाए जा रहे थे कि जनवरी माह में गहलोत सरकार ‘नए जिले’ घोषित कर सकती है, तो समय से पहले बजट सत्र की अनुमति लेकर गहलोत सरकार ने लोगों की उम्मीदों के पंख लगा दिए हैं।

राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र 23 जनवरी से आहूत होगा। राज्यपाल कलराज मिश्र ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात के बाद विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। इस बार गहलोत जनवरी महीने में ही बजट पेश कर सकते हैं।

बता दें कि गुरुवार शाम को ही सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी। सीएम के मुलाकात के कुछ समय बाद ही राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को मंजूरी दे दी है। 23 जनवरी को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत होगी। वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पांचवा और अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम और चुनावी बजट पेश करेंगे।

लोकलुभावन और चुनावी बजट पेश करेंगे गहलोत…

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस बार बजट में किसान, युवा, बेरोजगारों, महिलाओं, एससी-एसटी और आम-गरीब वर्ग के साथ ही व्यापारी वर्ग का भी ख्याल रखने की बात कही है। इसके लिए सीएम गहलोत पहले भी मीडिया को अपने बयानों में जानकारी देते रहे हैं।

एक ओर ठंड के मौसम में राजस्थान में कांग्रेस की सियासत में गर्माहट का माहौल है। वहीं विधानसभा सत्र की शुरूआत जनवरी में ही शुरू होने की खबर ने चर्चाओं का बाजार भी गर्म कर दिया है। खासकर ‘कोटपूतली जिला घोषित’ खबर सुनने को लोग बेताब हैं।

कोटपूतली जिला: बदली तस्वीर, बदलेगी तकदीर!

कोटपूतली शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में तस्वीर लगातार बदल रही है। पनियाला, गोनेड़ा, कालूहेड़ा, करवास तो ऐसे क्षेत्र हैं जहां लागों की तकदीर और तस्वीर तेजी से बदली है। बताया जा रहा है कि जिला पुलिस लाइन और ‘सचिवालय’ बनना भी यहां प्रस्तावित है।

kotputli: फिर उतरा नगर परिषद का दस्ता, फिर गरजी जेसीबी- एलएनटी

कोटपूतली शहर में भी इन दिनों मास्टर प्लान के तहत सड़कों का विस्तारीकरण का कार्य जारी है। जिसके तहत मुख्य मार्गों की सड़कों के साथ- साथ बाजार की सड़कों का भी विस्तारीकरण किया जा रहा है। हालांकि व्यापारी व स्थानीय लोग लगातार नगरपरिषद की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं, लेकिन जब चर्चा ‘कोटपूतली जिला’ की आती हैं तो विरोध भी सहमती में बदलता नजर आता है।

कोटपूतली जिला बनने को बेताब
कोटपूतली शहर में जारी है सड़क विस्तारीकरण का कार्य

शिक्षाविद व समाजसेवी एडवोकेट अशोक बंसल का कहना है कि कोटपूतली जिले की मांग वर्षों पुरानी है। वर्षों से यहां ‘जिला निर्माण संघर्ष समिति’ बनाकर जिले की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन किया जाता रहा है। वहीं एडवोकेट प्रभा अग्रवाल ने बताया कि कोटपूतली में जिला परिवहन कार्यालय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व अतिरिक्त जिला कलेक्टर सहित ‘जिले’ के मापदण्ड को पूरा करते हुए ‘जिला स्तरीय प्रशासनिक व्यवस्था के साथ साथ भौगोलिक परिस्थितियां भी जिला घोषित होने के अनुकूल हैं।

मंत्री के बयान पर उम्मीद कायम, सोशल मीडिया पर जारी है बहस का दौर

इधर कोटपूतली को जिला घोषित कराने को लेकर क्षेत्रीय विधायक व गृहराज्य मंत्री राजेन्द्र यादव कई बार ‘ताल’ ठोक चुके हैं। यहां तक कि एक चैनल से साक्षात्कार के दौरान गृहमंत्री यादव ने 31 दिसम्बर तक जिला घोषित होने की घोषणा ना होने पर पद व पार्टी छोड़ने की घोषणा भी कर रखी है। जिसको लेकर लोग अब ‘कोटपूतली जिला’ घोषित होने को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। वहीं राजनीतिक दलों से जुड़े लोग गृहमंत्री यादव के इस बयान को महज जुमला बता रहे है।

बहरहाल विधानसभा सत्र की घोषणा से लोगों की उम्मीदों को पंख लगना व राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म होना भी लाजमी है। ऐसे में देखने होगा कि गहलोत सरकार ‘नए जिलों की घोषणा’ करती भी है या नहीं। Read News Chakra Story

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