FSL खोलेगा ‘मौत की गुत्थी’, आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू
कोटपूतली विकास प्रजापत मौत मामला: आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू, जानिए अब आगे क्या होगा!
न्यूज चक्र, कोटपूतली। पुलिस ने सभी 7 आरोपियों को पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए FSL भिजवाया है। पुलिस को अब पॉलीग्राफ टेस्ट के जरिए ‘विकास हत्याकाण्ड’ में ‘क्लू’ मिलने की उम्मीद है। दूसरी ओर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ गत 2 माह से आंदोलनरत परिजन भी 17 दिन से धरने पर बैठे हैं।
गौरतलब है कि विकास प्रजापत मौत मामले में पुलिस के द्वारा अभी तक किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचने के कारण परिजनों सहित शहर के आमजन में आक्रोश है। बड़ी संख्या में लोगों ने इस मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए कैंडल मार्च, थाने का घेराव व प्रदर्शन किए हैं।
पुलिस की जांच पर उठे सवाल ! महिलाओं ने पुलिस पर फेंकी चूड़ियां !
दूसरी ओर गृहराज्य मंत्री राजेन्द्र यादव का क्षेत्र होने के बावजूद ‘अनसुलझी मौत की गुत्थी’ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रही है! लोग व स्थानीय जनप्रतिनिधि खुलकर पुलिस पर ‘भ्रष्टाचार’ के आरोप लगा रहे हैं। इसलिए पुलिस भी चाहती है कि अब इस मामले का जल्द से जल्द ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हो।
FSL खोलेगा ‘मौत की गुत्थी : क्या है मामला
शहर के बड़ावास निवासी 20 वर्षीय विकास प्रजापत 4 नवम्बर की शाम दोस्तों संग किसी शादी समारोह में जाने की बात कहकर घर से निकला था। लेकिन अगले ही दिन उसका शव परिजनों को बीडीएम अस्पताल में लावारिस हालत में मिला था। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि 4-5 नवम्बर की रात विकास के दो दोस्त ही विकास को मरणासन्न हालत में बीडीएम अस्पताल की मोर्चरी में छोड़कर फरार हो गए थे।
मौत की सूचना पर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने हत्या की आंशका जताते हुए विकास का शव, आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने तक लेने से मना कर दिया। जिसके बाद कोटपूतली थाना पुलिस ने दो आरोपियों को थाने बुलाकर बिठा लिया, साथ ही परिजनों को बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई है। जिस पर परिजनों ने मृतक विकास का अंतिम संस्कार कर दिया।
फिर क्यों पनपा आक्रोश
मृतक विकास प्रजापत के अंतिम संस्कार के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने देर शाम छोड़ दिया। जिसके बाद अगले ही दिन सुबह भारी संख्या में परिजन, मौहल्लेवासी व कई जनप्रतिनिधि थाने पहुंच गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि ‘पुलिस ने विकास के हत्याआरोपियों को बिना किसी पूछताछ के छोड़ दिया। आरोपियों के द्वारा मृतक के घर जाकर परिजनों को डराने- धमकाने की बात भी सामने आई। इससे खफा़ सैकड़ों लोग कोटपूतली थाने पर लगभग 4 घण्टे तक डट रहे, तब थानाधिकारी सवाईसिंह ने आरोपियों की गिरफ्तारी कर पूछताछ करने का आश्वासन दिया, जिस पर परिजनों में सहमति बनी।
अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी, 17 दिन से सर्व समाज धरने पर
विकास प्रजापत की मौत को 2 माह से अधिक का समय गुजर गया है, लेकिन पुलिस आरोपियों से ना कुछ उगलवा पाई है और ना ही मामले का खुलासा कर पाई है। परिजनों ने बाकायदा पुलिस प्रशासन को 18 सवालों की सूची सोंप रखी है, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने अभी तक किसी सवाल पर परिजनों को संतुष्ट नहीं किया है। परिजन अब आरोपियों की गिरफ्तारी व मामले की सीबीआई जांच की मांग के साथ धरने पर बच्चों व महिलाओं के साथ सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं।
क्या हुआ था 4-5 नवम्बर की रात !
4 नवम्बर, देवउठनी एकादशी का दिन था। इसी शाम विकास अपने घर से निकला था। पुलिस के अनुसार घर से एक दो गली छोड़कर ही एक मकान की छत पर विकास की अपने 7 दोस्तों के साथ मौजूदगी मिली है। थानाधिकारी के अनुसार सभी दोस्तों ने यहां शराब पार्टी की और इसी दौरान यहां निर्माणाधीन पिल्लर गिरने से विकास की मौत हो गई।
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परिजनों का आरोप ‘ सही नहीं बैठ रही पिल्लर गिरने की थ्योरी’
मृतक विकास की बहन सीमा ने बताया कि ‘विकास के शव पर चोट के निशान थे। छाती पर आरपार तार या रस्सीनुमा चीज से बांधे जाने के निशान थे। साथ ही दोनों पैरों पर बैल्ट या कपडे़ से बांधे जाने के निशान थे। इसके अलावा छाती या पैरों पर कोई निशान नहीं था। पिल्लर गिरता तो शरीर पर अन्य चोटें भी आती। वहीं मृतक विकास की पीठ पर खंरोचने जैसे निशान थे, जो संभवतया उसे पिल्लर के बांधने से आए हों। ऐसे में पुलिस की पिल्लर गिरने की थ्योरी पर विश्वास नहीं है।
पुलिस को घटना स्थल से क्या मिला!
पुलिस ने घटनास्थल का मौका मुआयना कर ‘एक बिजली का मोटा तार’ बरामद किया है। वहीं एक खाली प्लॉट में मृतक के जूते भी बरामद हुए हैं।
क्या नहीं हुआ बरामद, जिस पर उलझी हुई है ‘मौत की गुत्थी’
परिजनों ने बताया कि पुलिस ने अभी तक मृतक विकास का मोबाइल भी बरामद नहीं किया है, जबकि आरोपियों ने मोबाइल को फेंकना स्वीकार किया है। इस बात की पुष्टि खुद पुलिस भी करती है। इसके अलावा मृतक के अंडरगारमेंट भी पुलिस को नहीं मिले हैं।
इसके अलावा पुलिस के अनुसार ‘ आरोपियों ने घटना की रात शराब पार्टी की बात कही है’, जबकि पुलिस को घटनास्थल से ना शराब की बोतल मिली, ना गिलास और ना ही ऐसी कोई दूसरी वस्तु। परिजनों के अनुसार पोस्टमार्स्टम रिर्पोट में भी शराब का उल्लेख नहीं हैं।
वो कौन थी!
परिजनों ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस को देर रात किसी लड़की का फोन आना भी बताया है लेकिन पुलिस अभी तक यह नहीं बता पाई है कि घटना की रात जिस लड़की का फोन आया, वह कौन थी। उसने किससे बात की। वह घटना की रात घटना स्थल पर मौजूद थी या नहीं!
पुलिस को पॉलीग्राफ टेस्ट से उम्मीद, परिजन अब भी सीबीआई जांच पर अड़े
खैर, पुलिस ने अब सभी 7 आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीवाईएसपी गौतम कुमार ने बताया कि प्रक्रिया 7 जनवरी तक चलेगी। इसके बाद लगभग 1 सप्ताह में पॉलीग्राफ टेस्ट रिर्पोट प्राप्त हो जाएगी। उम्मीद है ‘दूध का दूध- पानी का पानी’ होगा। डीवाईएसपी ने कहा है कि मृतक के परिजन पुलिस पर भरोसा रखें, न्याय होगा।
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