कोटपूतली : मास्टर प्लान मामला, रविवार सुबह नगर परिषद फिर हटाएगी शहर से बाधा संरचनाएं

कोटपूतली : मास्टर प्लान मामला, रविवार सुबह नगर परिषद फिर हटाएगी शहर से बाधा संरचनाएं

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कोटपूतली : मास्टर प्लान मामला, रविवार सुबह नगर परिषद फिर हटाएगी शहर से बाधा संरचनाएं
शहर में शनिवार शाम श्री राम भवन के समीप मौका मुआयना करते नगर परिषद के अधिकार

न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। शहर में नगर परिषद के द्वारा मास्टर प्लान व खेतड़ी रियासत के नक्शे के अनुरूप सड़क विस्तारीकरण के बीच बाधा संरचनाओं को हटाने का कार्य लगातार जारी है। जहां एक तरफ 6 अगस्त को कार्रवाई की शुरुआत करते हुए मुख्य चौराहे से अग्रसेन चौराहे तक बाधा संरचनाओं को ध्वस्त करने का कार्य किया गया था, वहीं 17 अगस्त को अग्रसेन तिराहे के समीप ही विस्तारीकरण में बाधा प्रतिष्ठानों को जेसीबी की सहायता से ध्वस्त किया गया था।

नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह मीणा के अनुसार 21 अगस्त की सुबह से मास्टर प्लान में शेष रही बाधा संरचनाओं को हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए मुख्य चौराहे से अग्रसेन तिराहा व शनि मंदिर से लाल कोठी तक दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठानों से सामान हटाने के लिए एक सप्ताह पहले कह दिया गया था। अब नगर परिषद भारी पुलिस जाब्ते, एसटीएफ व आरएसी के जवानों के साथ सुबह बाधा संरचनाएं ध्वस्त करने की कार्रवाई करेगी।

न्यायालय में विचाराधीन व नीलामीशुदा प्रतिष्ठानों पर नहीं होगी कार्रवाई

आयुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि मास्टर प्लान के तहत सड़क विस्तारीकरण में बाधा ऐसी संरचनाओं या प्रतिष्ठानों पर नगर परिषद अभी कार्रवाई नहीं करेगी जिन पर न्यायालय का स्थगन है या जो नगर पालिका नीलामी से क्रय शुदा है।

व्यापारियों ने प्रतिष्ठानों से हटाया सामान, तोड़ लिए निर्माण

इधर नगर परिषद की प्रस्तावित कार्रवाई को देखते हुए शनि मंदिर से लाल कोठी तक व्यापारी स्वयं ही प्रतिष्ठानों से सामान हटाकर नगर परिषद द्वारा निर्धारित की गई सीमा तक प्रतिष्ठानों को ध्वस्त भी कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि 6 अगस्त को की गई नगर परिषद की कार्रवाई के बाद से व्यापारी खौफजदा है और नगर परिषद की हठधर्मिता के खिलाफ बोलने की स्थिति में नहीं है। दुकानदारों का आरोप है कि नगर परिषद के सफाई कर्मचारी या अन्य खुद को नगर परिषद का कर्मचारी बताते हुए दुकान खाली करने व तोड़ने की धमकी देकर प्रतिदिन मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।

इधर नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह मीणा ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि नगर परिषद की ओर से कोई हठधर्मिता नहीं है। प्रभावित दुकानदारों को पिछले कई माह से लगातार नोटिस के जरिए सूचित किया जा रहा है, साथ ही मार्गाधिकार की पैमाइश कर दुकानदारों को इससे अवगत भी करवाया जा चुका है। लेकिन इसके बावजूद भी जब प्रभावित दुकानदारों ने मार्ग अधिकार से अतिक्रमण को नहीं हटाया तो नगर परिषद ने अपनी कार्रवाई शुरू की है। आयुक्त का कहना है कि संपूर्ण कार्रवाई विधि सम्मत की जा रही है। आयुक्त ने प्रभावित दुकानदारों व आमजन से मास्टर प्लान लागू किए जाने में नगर परिषद का सहयोग किए जाने की अपील की है।

अब तक हटाई गई 68 संरचनाएं

नगर परिषद् द्वारा मास्टर प्लान के अन्तर्गत सडक़ों की चौड़ाई बढ़ाने के लिए निर्माण हटाने का कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि परिषद् द्वारा मुख्य चौराहे से अग्रसेन तिराहे तक सडक़ों की चौड़ाई 80 फिट व पूतली कट से बानसूर मोड़ पर उमराव सिनेमा कट तक की चौड़ाई 60 फिट की जा रही है, जिसमें सर्वप्रथम मुख्य चौराहे से पुरानी नगर पालिका तिराहे (अग्रसेन तिराहा) व शनि मंदिर से सरदार स्कूल तक के निर्माण हटाने के क्रम में अभी तक 68 संरचनायें परिषद् द्वारा हटाई गई है।

लोगों ने की श्रीराम भवन को नहीं तोड़े जाने की माँग

राजकीय सरदार विधालय के पास स्थित श्रीराम भवन को नहीं तोड़े जाने की माँग को लेकर श्रीराम सभा समिति सदस्यों ने अध्यक्ष रमेश चंद बंसल के नेतृत्व में मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल व जिला कलक्टर प्रकाश राज पुरोहित के नाम एसडीएम ऋषभ मण्डल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अध्यक्ष बंसल समेत महामंत्री अनिल शरण, राजेश गुप्ता, सुबोध बंसल, मैथली शरण बंसल, सियाराम, राजेश कुमार गुप्ता, एड. प्रभा अग्रवाल समेत अन्य समिति सदस्यों ने बताया कि नगर परिषद् द्वारा निर्माण हटाने की कार्यवाही में श्रीराम भवन पर भी लाल निशान लगा दिये गये है, जो कि कस्बे के मौहल्ला बुचाहेड़ा में स्थित 100 वर्ष पूरानी धार्मिक संस्था है। जिसका निर्माण धार्मिक व सामाजिक उपयोग के लिए यात्रियों के ठहरने व भोजन के लिए किया गया था। साथ ही इसमें शिव मंदिर, श्रीराम दरबार, दुर्गा माता मंदिर व श्री हनुमान जी मंदिर भी बने हुए है। जहाँ आये दिन धार्मिक आयोजन होते है। आजादी से पूर्व की बनी उक्त संस्था के शिला लेख भी लगे हुए है। जिससे कोई अतिक्रमण प्रतीत नहीं होता है। समय- समय पर नि:शुल्क चिकित्सा शिविर के साथ- साथ उक्त भवन को संस्था द्वारा राजकीय कार्यो के लिए भी उपयोग में दिया जाता है। अत: उक्त संस्था के भवन को किसी भी रूप में क्षति नहीं पहुँचाई जाए।

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