कोटपूतली: खाटूश्याम जी के दर्शन को निकले परिवार की खुशियां मातम में बदली
न्यूज़ चक्र। कोटपूतली के पनियाला थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसने एक हंसते-खेलते परिवार की खुशियों को गहरे मातम में बदल दिया। जयपुर-दिल्ली हाइवे स्थित मोरदा पुलिया पर एक अनियंत्रित ट्रेलर ने पीछे से एक कार को टक्कर मार दी, जिससे कार में सवार दो महिलाओं और एक 8 वर्षीय मासूम की मौके पर ही मौत हो गई। इस भयानक टक्कर में छह अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें से चार की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जयपुर रेफर किया गया।

खाटूश्याम जी के दर्शन को निकले थे, मगर लौटे नही
कोटपूतली डीएसपी राजेंद्र बुरडक ने बताया कि कार में सवार लोग खाटूश्याम जी के दर्शन के लिए निकले थे। लेकिन कोटपूतली में हादसे का शिकार हो गए। इस धार्मिक यात्रा के लिए घर से निकला यह परिवार शायद सपने में भी नहीं सोच सकता था कि रास्ते में उनकी खुशियों का यह सफर मौत के सफर में बदल जाएगा। कार में करीब सात लोग सवार थे, जो आपस में रिश्तेदार थे। जब वे मोरदा पुलिया पर पहुंचे, तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रेलर ने कार को अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह से चकनाचूर हो गई और उसमें बैठे लोगों की चीखें गूंज उठीं।
कोटपूतली::हाइवे पर चीख-पुकार, बिखरी लाशें और खून से सना मंजर
हादसे के बाद हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई। घायल लोग दर्द से कराह रहे थे, और मृतकों के परिजन अपनों को इस हालत में देखकर बेसुध हो रहे थे। स्थानीय लोग और राहगीरों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पनियाला पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा। लेकिन इस हादसे में 8 वर्षीय पार्थ, रेखा और कामेरा की जान नहीं बचाई जा सकी।

चार की हालत गंभीर, जयपुर रेफर
इस भयानक टक्कर में कुल छह लोग घायल हुए हैं, जिनमें ट्रेलर चालक भी शामिल है। घायलों में से चार की हालत नाजुक होने के कारण उन्हें जयपुर रेफर किया गया है। वहीं, पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहनों को सड़क से हटवाकर यातायात को सुचारू करवाया।
अनियंत्रित ट्रेलर बना मौत का कारण
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हादसा ट्रेलर के अनियंत्रित होने के कारण हुआ। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि यह लापरवाही चालक की थी या वाहन में कोई तकनीकी खराबी थी।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे के बाद मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है। जो लोग चंद घंटे पहले हंसी-खुशी यात्रा पर निकले थे, वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। 8 साल के मासूम पार्थ की मौत ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। वहीं, दो महिलाओं की असमय मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
पुलिस जांच में जुटी, सतर्कता की जरूरत
इस भीषण सड़क हादसे ने एक बार फिर ट्रैफिक नियमों और तेज रफ्तार वाहनों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह हादसा रोका जा सकता था? क्या ट्रेलर की गति नियंत्रित होती तो तीन मासूम जिंदगियां बच सकती थीं? यह सवाल न सिर्फ प्रशासन के लिए, बल्कि हर वाहन चालक के लिए भी एक चेतावनी है कि सड़क पर जिम्मेदारी से वाहन चलाना कितना जरूरी है।
पनियाला पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है और ट्रेलर चालक की लापरवाही को लेकर भी पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कि इस दुर्घटना से सीख लेते हुए सड़क सुरक्षा के नियमों को और कड़ा किया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की भयावह त्रासदी का शिकार न हो।
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