मुंबई: ऋचा घोष की करियर की सर्वश्रेष्ठ 96 रन की पारी और दीप्ति शर्मा का 38 रन देकर पांच विकेट का शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन भारत के काम नहीं आ सका जिससे आस्ट्रेलियाई महिला टीम ने शनिवार को यहां दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में तीन रन की जीत से तीन मैचों की श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त बना ली। जीत के लिए 259 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए घोष ने 113 गेंद में 13 चौके से 96 रन की पारी खेली लेकिन मेजबान टीम अंतिम ओवर में लड़खड़ा गयी और उसे घरेलू मैदान पर आस्ट्रेलिया से लगातार नौंवी हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम निर्धारित 50 ओवर में आठ विकेट पर 255 रन ही बना सकी।
दीप्ति 36 गेंद में एक चौके से 24 रन और दूसरे छोर पर श्रेयांका पाटिल पांच रन बनाकर नाबाद रहीं। घोष के अलावा भारत के लिए उप कप्तान स्मृति मंधाना ने शुरू में 38 गेंद में तीन चौके और एक छक्के से 34 रन का बनाये। जेमिमा रोड्रिग्स (55 गेंद में 44 रन) और घोष ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन की साझेदारी निभाकर नींव रखी लेकिन आस्ट्रेलिया को भारत में कभी श्रृंखला नहीं हारने का रिकॉर्ड बरकरार रखने से नहीं रोक सकीं। दोनों टीमों ने मिलाकर 10 से ज्यादा कैच छोड़े। लेकिन लिचफील्ड ने दो कैच लपककर अंतर पैदा किया जबकि शुरू में उन्होंने एक कैच छोड़ दिया था।
लिचफील्ड ने 34वें ओवर में महत्वपूर्ण मौके पर जॉर्जिया वारेहैम (39 रन देकर दो विकेट) की गेंद पर जेमिमा को कवर पर कैच आउट कर तीसरे विकेट की भागीदारी तोड़ी। बाद में जब घोष अपने पहले शतक से महज चार रन दूर थीं तो लिचफील्ड ने अनाबेल सदरलैंड (47 रन देकर तीन विकेट) की गेंद पर कवर पर एक और शानदार कैच लपककर इस भारतीय बल्लेबाज को यह उपलब्धि हासिल करने और भारत को जीत से महरूम कर दिया। विकेटकीपर बल्लेबाज घोष ने दो जीवनदान का भी पूरा फायदा उठाते हुए शानदार बल्लेबाजी करते हुए मैदान के चारों ओर रन बटोरे।
इस 20 साल की खिलाड़ी ने जेमिमा के साथ भागीदारी निभाकर भारत को दौड़ में बनाये रखा लेकिन आस्ट्रेलिया ने भागीदारी तोड़कर फायदा उठाया। घोष अपनी पारी के अंत में मांसपेशियों में खिंचाव से परेशान थीं और उनके 44वें ओवर में आउट होने के बाद भारत की उम्मीद भी धराशायी हो गयी। 46वें ओवर में अमनजोत कौर भी पवेलियन लौट गयीं। दीप्ति को रन बनाने में परेशानी हो रही थी, वह घोष के साथ 47 रन की भागीदारी के दौरान केवल आठ रन का ही योगदान कर पायीं। इससे पूजा वस्त्राकर (08) और स्नेह राणा के लिए ‘कनकशन’ स्थानापन्न खिलाड़ी हरलीन देओल (01) के लिए काम चुनौतीपूर्ण हो गया।
इससे पहले ऑफ स्पिनर दीप्ति ने पांच विकेट झटककर आस्ट्रेलिया की रन गति पर लगाम लगायी लेकिन सात कैच छोड़ने से भारत मेहमान टीम को आठ विकेट पर 258 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बनाने से नहीं रोक सका। दीप्ति ने सूखी और टर्न लेती पिच का पूरा फायदा उठाते हुए 10 ओवर में 38 रन देकर पांच विकेट चटकाये लेकिन उनकी शानदार गेंदबाजी मेजबान टीम के लचर क्षेत्ररक्षण के कारण फायदेमंद नहीं हो सकी। दीप्ति ने एलिसे पैरी (50 रन), बेथ मूनी (10 रन), तहलिया मैकग्रा (24 रन), जॉर्जिया वारेहैम (22 रन) और अनाबेल सदरलैंड(23 रन) के विकेट लेकर अपने करियर में दूसरी बार पांच विकेट चटकाने का कारनामा किया।
अलाना किंग का कैच एक बार दीप्ति और एक बार कप्तान हरमनप्रीत कौर ने छोड़ा। अलाना ने अंत में तीन छक्के जड़े और 17 गेंद में नाबाद 28 रन बनाकर आस्ट्रेलिया को 250 रन के पार पहुंचाने में मदद की। एक समय ऐसा लग रहा था कि आस्ट्रेलिया इस स्कोर तक नहीं पहुंच पायेगी। 22वें ओवर तक आस्ट्रेलियाई टीम ने अच्छा दबदबा बनाया हुआ था, उसने पैरी और फोबे लिचफील्ड (63 रन, 98 गेंद, छह चौके) के बीच दूसरे विकेट के लिए 77 रन की भागीदारी से एक विकेट पर 117 रन बना लिये थे। लेकिन जैसे ही हरमनप्रीत ने दीप्ति को गेंदबाजी पर लगाया, भारत का दबदबा दिखने लगा क्योंकि इस सीनियर स्पिनर ने आते ही कमाल कर दिया।
पैरी (50 रन, 47 गेंद, चार चौके, एक छक्का) ने लगातार अपना दूसरा अर्धशतक जड़ा और वह लिचफील्ड के साथ मजबूत भागीदारी की ओर बढ़ रही थी। पर दीप्ति ने पैरी का विकेट लेकर इस आस्ट्रेलियाई को आक्रामक होने से रोक दिया। दीप्ति की शॉर्ट गेंद को पुल करने के प्रयास में वह मिडविकेट पर श्रेयांका पाटिल को कैच दे बैठी जिन्होंने दूसरे प्रयास में यह कैच लपका। दीप्ति ने लगातार मूनी को परेशान रखा और पिच का पूरा फायदा उठाते हुए उन्हें पगबाधा आउट किया। फिर दीप्ति ने खतरनाक दिख रही मैकग्रा को 40वें ओवर में पवेलियन भेजा और फिर 46वें ओवर की पहली गेंद पर वारेहैम का विकेट लिया।
इस भारतीय स्पिनर ने सदरलैंड का रिटर्न कैच लेकर पांचवां विकेट प्राप्त किया। इस बीच स्नेह राणा को को पूजा वस्त्राकर से हुई टक्कर के बाद मैदान छोड़कर जाना पड़ा। राणा ने एशले गार्डनर (02) के रूप में एक विकेट लिया। भारत का क्षेत्ररक्षण में प्रदर्शन काफी खराब रहा। लिचफील्ड का कैच दूसरे ओवर में अमनजोत कौर ने तब छोड़ा जब उन्होंने अपना खाता खोला भी नहीं था।
इसके बाद यास्तिका भाटिया ने पहली स्लिप में उनका कैच छोड़ा जब वह 10 रन पर थीं। राणा 17वें ओवर में अपनी ही गेंद पर पैरी का कैच नहीं लपक सकीं जब यह आस्ट्रेलियाई 30 रन के स्कोर पर थी। स्मृति मंधाना ने 44वें ओवर में सदरलैंड का कैच करने का सरल सा मौका गंवा दिया। भारत ने एलिसा हीली के खिलाफ डीआरएस नहीं लेने के मामले में भी गलती की, हालांकि वस्त्राकर ने आखिरकार उन्हें 10वें ओवर में 13 रन पर आउट कर दिया। (एजेंसी)
PC : enavabharat
News Chakra
Leave a Reply