leopard: वन विभाग के पिंजरे से पहले आई ‘मौत’, भूख प्यास का शिकार हुआ मादा तेंदुआ शावक

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न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। कोटपूतली के शुक्लावास के नजदीक आज सुबह दिखाई दिया leopard शावक दरअसल भोजन की तलाश में जंगल से उतरकर आया था। रेंजर सीताराम यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि समाजसेवी राधेश्याम शुक्लावास के द्वारा जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ग्राम शुक्लावास पहुंची थी। जहां एक तेंदुए के घायल अवस्था में मिलने की सूचना मिली थी। दरअसल यह एक तेंदुए का मादा बच्चा था जिसकी उम्र लगभग 1 साल थी। मादा शावक के एक पैर में सूजन थी और उससे चला फिरा नहीं जा रहा था। टीम ने उसे अपने कब्जे में लेने के लिए शाहपुरा से पिंजरा मंगवाया और टीम उसे पिंजरे में लेने की तैयारी कर ही रही थी कि ‘ तेंदुए के इस मादा शावक ने दम तोड़ दिया’।

रेंजर सीताराम यादव ने बताया कि मृत शावक का डॉक्टरों की टीम से पोस्टमार्टम करवा कर नियमानुसार अंतिम क्रिया की गई। कोटपूतली पशु चिकित्सा केंद्र प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सक डॉ हरीश गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि मादा शावक की उम्र लगभग 1 साल रही होगी। उसके एक पैर में जख्म था संभवत उसी के वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ था और अधिक दिन तक भूखे प्यासे रहने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। डॉक्टर ने बताया कि मृत शावक की आहार नली व मूत्र नली पूरी तरह से सूख चुकी थी, साथ ही पेट भी खाली था।

leopard : तेंदुआ देखकर ग्रामीण घबराए, लेकिन तेंदुए ने हरकत नहीं की तो बच्चे भी खेलने लगे

ग्रामीणों ने बताया कि सुबह जब गांव के समीप तेंदुआ दिखाई दिया तो ग्रामीण घबरा गए और तुरंत वन विभाग की टीम को सूचित किया। लेकिन ग्रामीणों ने जब देखा कि तेंदुआ घायल है और कोई हरकत नहीं कर रहा है तो उसे पानी पिलाने की कोशिश की गई। लेकिन तेंदुए के बच्चे से अधिक चला फिरा नहीं जा रहा था। ऐसे में कई बार तो बच्चों ने भी शावक की पीठ पर हाथ फेरा। लेकिन यह किसी को नहीं मालूम था कि यह शावक अधिक देर का मेहमान नहीं है और देखते ही देखते तेंदुए के मादा शावक ने वन विभाग की टीम के सामने ही प्राण छोड़ दिए।

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