
- कोटपूतली के एलबीएस महाविद्यालय में मातृभाषा दिवस मनाया
- भाषण, वाद विवाद तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ
न्यूज चक्र, कोटपूतली। कोटपूतली के एलबीएस महाविद्यालय में शनिवार को मातृभाषा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. रेणु माथुर ने कहा मातृभाषाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसको हमें संजोकर रखना चाहिए। हमारी भाषाएं विश्व की श्रेष्ठ भाषाएं और बोलियां हैं। इन पर हमें गर्व होना चाहिए। भाषा ही है जो संप्रेषण का माध्यम है जिससे हम देश और दुनिया के लोगों से जुड़ सकते हैं। साथ ही प्राचार्य डॉ रेणु माथुर ने कहा कि कोविड 19 के बाद महाविद्यालय में नियमित अध्ययन की शुरुआत हो गई है। प्राचार्य ने विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि महाविद्यालय में अनुशासन बनाएं रखें और नियमित अध्ययन करें साथ ही सह शैक्षणिक गतिविधियों में सक्रिय भाग लेवें।

डॉ. राजपाल सिरोहीवाल ने कहा कि हमें अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य भाषा और बोली ही करती है। बोलियां हिंदी भाषा की प्राण शक्ति है।
डॉ. सत्यवीर सिंह ने मातृ भाषा के इतिहास पर दृष्टिपात करते हुए कहा कि मातृभाषा ही संपूर्ण उन्नति का मूल है। विश्व उन्नति और मनुष्य उन्नति का सबसे सबसे प्रमुख माध्यम है मातृभाषा।मातृभाषा हमें अपनी संस्कृति, रीति रिवाज, परंपराएं आदि को जोड़ने का कार्य करती है। आज विश्व में 7000 भाषाओं की पहचान हुई है। 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में 22 भाषाएं मान्यता प्राप्त हैं 1635 तर्कसंगत भाषाएं तथा 234 भाषाओं की पहचान हुई है।

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह भारत सांस्कृतिक दृष्टि से विविधता से परिपूर्ण है उसी तरह भाषा और बोली की दृष्टि से भी भारत विविधता संपन्न देश है। यह विविधता हमारी पहचान है। यह विविधता हमारी शक्ति है। इस अवसर पर भाषण, वाद विवाद तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ, जिसमें महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भाग लिया।
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