युवक की संदिग्ध मौत मामला : प्रदर्शन, सीबीआई जाँच की माँग पर अड़े परिजन
युवक की संदिग्ध मौत मामले में कोटपूतली उपखण्ड कार्यालय पर पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना व भाजपा नेता मुकेश गोयल समेत अन्य ने दिया सांकेतिक धरना
तहसील परिसर के रामलीला मंच पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की माँगी अनुमति
News Chakra @ kotputli. कोटपूतली में मौहल्ला बड़ाबास निवासी युवक की संदिग्ध मौत मामले में मृतक के परिजनों समेत आमजन का आक्रोश स्थानीय पुलिस प्रशासन व राज्य सरकार के प्रति लगातार गहराता ही जा रहा है। घटना को डेढ़ माह से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली है। परिजन व सर्व समाज के लोग अब सरकार से सीबीआई जाँच की मांग कर रहे है।
प्रकरण में पुलिस को राजस्थान हाईकोर्ट से आरोपियों की पॉलीग्रॉफी टेस्ट करवाये जाने की अनुमति जरूर मिली है। वहीं दूसरी ओर मृतक के परिजनों समेत सर्वसमाज के लोगों व संघर्ष समिति सदस्यों ने सोमवार को उपखण्ड कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। लोगों ने उपखण्ड कार्यालय पर नारेबाजी करते हुए मामले में जल्द से जल्द न्याय कर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी करवाये जाने की माँग की।
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इस दौरान पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना, भाजपा नेता मुकेश गोयल, शंकर लाल कसाना, पूरणमल भरगड़, जनता दल नेता रामनिवास यादव, पूर्व चैयरमैन महेन्द्र सैनी, भाजपा जिला महामंत्री एड. सुरेन्द्र चौधरी, एड.प्रभा अग्रवाल, पूर्व आरएएस बनवारी लाल बासनीवाल, एड. हँसराज रावत समेत अन्य लोग सांकेतिक धरने पर बैठ गये। संघर्ष समिति सदस्य मामले में आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी या सीबीआई जाँच करवाये जाने की माँग पर अड़े हुए है।
इस दौरान एसडीएम ऋषभ मण्डल कार्यालय में मौजूद नहीं थे, डीएसपी गौतम कुमार धरणार्थियों से मिलने के लिए पहुँचे। इस पर पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना ने डीएसपी को फटकार लगाते हुए कहा कि इस बाबत कई बार ज्ञापन सौंपकर हत्यारों की गिरफ्तारी की माँग की गई है, लेकिन ना तो पुलिस ने कोई तथ्य उजागर किये एवं ना ही कोई कार्यवाही की है। तीन दिन पूर्व भी एसडीएम को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले की सीबीआई जाँच की माँग की गई थी। इसको लेकर ज्ञापन पर हुई कार्यवाही जानने आये लोगों की सूचना के बावजुद भी एसडीएम कार्यालय छोडकऱ चले गये, जो प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
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भाजपा नेता मुकेश गोयल ने कहा कि जब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं की जायेगी, तब तक आन्दोलन जारी रहेगा। गोयल ने कहा कि पीडि़त परिवार व आमजन का विश्वास पुलिस से उठ चुका है। आगामी दो दिनों में इस सम्बंध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन भी शुरू किया जायेगा। तहसील परिसर स्थित रामलीला मंच पर आगामी 21 दिसम्बर से धरना स्वीकृति के लिए एसडीएम के नाम प्रार्थना पत्र भी डीएसपी को सौंपा गया।
उल्लेखनीय है कि प्रकरण में लगभग डेढ़ माह का समय बीत जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जिसके बाद कई धरने प्रदर्शन, ज्ञापन व कैंडल मार्च आदि निकाले जा चुके है। इसी क्रम में विगत 12 दिसम्बर को स्थानीय थाने के घेराव के दौरान पीडि़त परिवार की महिलाओं ने पुलिस पर लापरवाही व मिलीभगत का आरोप लगाते हुए चुडिय़ां तक फेंक दी थी।
युवक की संदिग्ध मौत : विडियो के जरिये न्याय की गुहार
मृतक विकास की बड़ी बहन सीमा प्रजापत ने 15 दिनों पूर्व सोशियल मीडिया पर एक विडियो जारी करते हुए घटना के सबुत दिखाकर पुलिस पर लापरवाही व जाँच को भटकाने का आरोप लगाते हुए सर्वसमाज से न्याय की माँग भी की थी। पीडि़त परिवार का कहना है कि पुलिस जान-बुझकर जाँच को भटका रही है। उल्लेखनीय है कि मृतक विकास चार बहनों का इकलौता भाई था। मृतक के माता-पिता मजदूरी का कार्य करते है।
युवक की संदिग्ध मौत : क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि विगत 4 दिसम्बर की रात्रि को करीब 8 बजे कस्बे के मौहल्ला बड़ाबास निवासी युवक विकास उर्फ अकबर उर्फ लट्टु (20) अपने दोस्तों के साथ किसी समारोह में गया था। शनिवार 5 नवम्बर की अल सुबह 7 बजे युवक के परिजनों को सूचना मिली कि आपके लडक़े विकास की मृत्यु हो गई है। जिसका शव राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा है। सूचना पर मृतक के परिजन जिला अस्पताल पहुँचे। जहाँ मोर्चरी में उसके शरीर पर चोट के निशान भी देखे गये।
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इस सम्बंध में मृतक के पिता प्रकाश चंद कुमावत ने हत्या की आशंका जताते हुए विगत 5 नवम्बर को स्थानीय थाने में नामजद मामला भी दर्ज करवाया था। परिजनों का आरोप है कि मृतक के शरीर पर चोट व रस्सीनुमा चीज से बांधे जाने के निशान थे। साथ ही उसके अन्डर गारमेंट्स व जुते एवं मोबाईल भी गायब थे। पुलिस जान बुझकर मामले को भटका रही है। अभी तक उसके अन्डर गारमेंट्स व मोबाईल को बरामद नहीं किया गया है।
जबकि मृतक के जुते व एक बिजली का तार घटना स्थल के पास से पूर्व में ही बरामद कर लिया गया था। बहरहाल मामले में सच्चाई जो भी हो, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान जरूर खड़ा कर दिया है।
पुलिस को मिली पॉलीग्रॉफी टेस्ट की अनुमति
वहीं प्रकरण में पुलिस को राजस्थान हाईकोर्ट से पॉलीग्रॉफी टेस्ट की अनुमति मिल चुकी है। डीएसपी गौतम कुमार ने बताया कि मृतक के साथ मौजूद सभी सातों आरोपियों का पॉलीग्रॉफी टेस्ट करवाया जायेगा। इसकी अनुमति कोर्ट ने दे दी है। अब जयपुर ग्रामीण एसपी कार्यालय की ओर से टेस्ट का दिन तय किया जायेगा। जिसके बाद एफएसएल के द्वारा ये टेस्ट करवाये जायेगें।
दरअसल पुलिस को इस बात का संशय है कि मृतक के साथ मौजूद युवकों ने उसकी हत्या की है या नहीं। क्योंकि इस बाबत कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगे है। इसका दूसरा पहलु यह भी है कि पुलिस पर लगातार जाँच का दबाव बढ़ता जा रहा है।