

मुक्केबाजी से राजनीति में आए विजेंदर सिंह का कहना है कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि उन्होंने कांग्रेस से BJP में आने के फैसले के लिए भावनात्मक कीमत चुकाई है।
नई दिल्ली: मुक्केबाजी (Boxing) से राजनीति (Politics) में आए विजेंदर सिंह (Vijender Singh) का कहना है कि उन्हें यह स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं है कि उन्होंने कांग्रेस (Congress) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में आने के फैसले के लिए भावनात्मक कीमत चुकाई है, हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा करने की अपनी वजह हैं। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने केवल मंच बदला है, खुद को नहीं बदला। मैं वैसा ही हूं।”
उन्होंने अपने आवास पर ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में राजनीतिक दल बदलने के सवाल पर कहा, ‘‘निश्चित रूप से भावनात्मक फैसला रहा।” सिंह ने कहा कि भाजपा में जाने के फैसले से उन्हें कुछ अच्छे दोस्त खोने पड़े, लेकिन उन्होंने अपने मूल चरित्र के साथ सच्चाई से बने रहकर फिर से ऐसी दोस्ती पाने की उम्मीद जताई। मुक्केबाजी में ओलंपिक पदक (कांस्य, 2008) जीतने वाले भारत के पहले और एकमात्र पुरुष खिलाड़ी सिंह ने अपने राजनीतिक परिवर्तन के फैसले की व्याख्या बॉक्सिंग की शब्दावली से की।
सिंह (38) ने कहा, ‘‘यह उस तरह है कि आप बॉक्सिंग में किसी उच्च श्रेणी में जाते हैं। आप ऐसा तब करते हैं जब आपका शरीर मौजूदा श्रेणी में सामंजस्य बैठाने में कठिनाई महसूस करता है। इसलिए, राजनीति में जब मुझे सामंजस्य में मुश्किल हुई तो मैं एक अलग मंच पर चला गया।” उन्होंने कहा कि जब किसी व्यक्ति को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए अच्छा मंच मिलता है तो उसे उस ओर जाना चाहिए।
सिंह ने कहा, ‘‘मेरा मूल चरित्र वैसा ही है। गलत और सही के बारे में मेरे विचार वैसे ही हैं। मैं अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाना बंद नहीं करुंगा।” उन्होंने कहा कि वह युवाओं और देश की बेहतरी के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं। सिंह ने कहा कि उनके फैसले ने उनके कुछ दोस्तों को निराश किया है लेकिन उन दोस्तों को जब भी उनकी जरूरत पड़ी तो वे अपने साथ खड़ा पाएंगे।
क्या कांग्रेस ने सिंह के इस फैसले को लेकर उन्हें मनाने का प्रयास किया था, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, जाहिर तौर पर कांग्रेस ने संपर्क साधा, लेकिन मैं उस बारे में बाद में बात करुंगा।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के कारण वह भाजपा में आए हैं। अर्जुन और खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित सिंह ने कहा, ‘‘भारत के लिए हमारे प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण बहुत अच्छा है। जब उन्हें लगता है कि उनसे कुछ गलती हुई है तो वह सबसे पहले माफी मांगते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि 2047 तक भारत एक विकसित देश होगा जो बहुत बड़ी बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आशा है कि यह सब सच हो और युवाओं को खासतौर पर उनकी योजनाओं से लाभ मिले।” क्या भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें कोई विशेष जिम्मेदारी सौंपी है, इस पर सिंह ने कहा, ‘‘अभी तक नहीं।” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्रचार करुंगा।” सिंह ने उम्मीद जताई कि इन राज्यों में उनके प्रचार से पार्टी को जाटों का समर्थन बड़ी संख्या में मिल सकता है।
भाजपा के सत्ता में आने के बाद से देश के खेल परिदृश्य में किसी तरह का बदलाव दिखने के सवाल पर सिंह ने कहा कि किसी खिलाड़ी की शिकायत पर तत्परता से कार्रवाई सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली बात है। उन्होंने कहा, ‘‘खेल का बजट बढ़ा है। खिलाड़ी के तौर पर आपकी बात सुनी जाती है। केवल सोशल मीडिया पर समस्या बताने से परिणाम आ जाता है। खेल मंत्रालय हो, भारतीय खेल प्राधिकरण हो या खेल मंत्री अनुराग ठाकुर खुद हों, वे सभी जवाब देते हैं।”
(एजेंसी)
PC : enavabharat
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