मुख्यमंत्री के 'एक पौधा मां के नाम' कार्यक्रम

मुख्यमंत्री के ‘एक पौधा मां के नाम’ कार्यक्रम से बढ़ी लोगों में जागरूकता, बढ़ चढ़कर नर्सरी से पौधे खरीद रहे लोग

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न्यूज़ चक्र। राजस्थान के मुखिया भजनलाल शर्मा का ‘एक पौधा मां के नाम’ संदेश कार्यक्रम का असर जमीन पर दिखने लगा है। लोग धरती मां का श्रृंगार करने के लिए नर्सरी का रुख करने लगे हैं। कोटपूतली नर्सरी में प्रतिदिन 3 से 4 हजार छायादार पौधे स्थानीय लोगों द्वारा खरीदे जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के 'एक पौधा मां के नाम' कार्यक्रम

दरअसल इस बार राजस्थान में पारा 50 डिग्री तक पहुंच गया था। लोग भीषण गर्मी में परेशान हो गए थे, जिसे देखते हुए राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने जन जागरूकता के लिए एक पौधा मां के नाम कार्यक्रम का आगाज किया। साथ ही साथ राज्य सरकार के द्वारा सरकारी, गैर-सरकारी, निजी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं को पौधारोपण अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया गया है।

जिला कोटपूतली बहरोड की बात करें तो स्थानीय वन विभाग की नर्सरी पर पौधे लेने वाले लोगों व संस्थाओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। दिनभर पौधे लेने वालों का मेला सा लगा रहता है।

मुख्यमंत्री के ‘एक पौधा मां के नाम’ कार्यक्रम: कोटपूतली नर्सरी में तैयार हुए करीब डेढ़ लाख पौधे

कोटपूतली नर्सरी प्रभारी दाताराम यादव ने बताया कि 148,000 पौधे तैयार किए गए हैं। नर्सरी में उपलब्ध पौधों की विविधता से लोग प्रभावित हो रहे हैं। छायादार पौधों में पीपल, नीम, शीशम, गुलमोहर, गूलर, हरसिंगार, और कचनार शामिल हैं। फलदार पौधों में अमरूद, मौसमी, नींबू, जामुन, बिल्वपत्र,आंवला, और करौंदा हैं। फूलदार पौधों में गुड़हल, चमेली, गुलाब, चंपा, केवड़ा, और कनेर (लाल व पीली दोनों) शामिल हैं। सजावटी पौधों में मनी प्लांट गमले में लगाकर उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री के 'एक पौधा मां के नाम' कार्यक्रम

नर्सरी में प्रतिदिन 3 से 4 हजार पौधों की हो रही बिक्री

नर्सरी प्रभारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग फल और छायादार वृक्ष ज्यादा ले जा रहे हैं, जबकि शहरी क्षेत्र के लोग फल और फूलदार वृक्षों की अधिक मांग कर रहे हैं। पौधों की कीमत 5 रूपए से शुरू होकर अधिकतम 75 रूपए तक है।

सरकारी स्कूलों व संस्थाओं को 50% रियायत के साथ दिए जा रहे पौधे

सरकारी और निजी शिक्षण संस्थाएं अपने-अपने लेटर पैड पर सैकड़ों पौधों की संख्या लेकर पौधारोपण कार्यक्रम के लिए नर्सरी में पहुंच रही हैं। इस पहल से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ रही है और सरकार द्वारा वास्तविक रूप से धरातल पर योजना क्रियान्वित की गई है।

मुख्यमंत्री के 'एक पौधा मां के नाम' कार्यक्रम

” आमजन में छायादार फलदार पौधों की डिमांड ज्यादा है अर्जुन, हरसिंगार, गुलमोहर ,शीशम, नीम आदि ज्यादा लगाए जा रहे हैं,, नर्सरी का 9:30 से 5 बजे तक का टाइमिंग था परंतु लोगों की भावनाओं को देखते हुए जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है हमने 8:00 बजे से 5:00 बजे तक का समय कर दिया है,, स्कूल समेत सरकारी संस्थाओं को 50% रियायत पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं,, आमजन को संदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए और उसकी देखभाल का जिम्मा भी उठाना चाहिए। वन विभाग नर्सरी पर हमने पौधों को लगाने के तरीके,सीजन और किस्मवार जानकारी आदि के सूचना पट्ट भी लगाए हैं “

सतपाल ढ़िलान, क्षेत्रीय वन अधिकारी

” जिले में आठ नर्सरींयां कार्यरत हैं जिनमें 846000 पौधे तैयार किए गए हैं,, सोमवार को स्कूलों में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महा अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने हैं अतः हमने रविवार का अवकाश भी कैंसिल करते हुए वृक्षारोपण की तैयारी में जुटे हुए हैं,, आमजन के उत्साह को देखते हुए सभी नर्सरींयों में कर्मचारी लगातार नए पौधों को तैयार करने में जुटे हुए हैं “

सुशील यादव, सहायक वन संरक्षक

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