बेटियों को घोड़ी पर बैठा बिंदोरी निकालकर महिला सशक्तिकरण व भेदभाव मिटाने का दिया संदेश
न्यूज़ चक्र, कोटपूतली। शिक्षा के प्रसार का ही असर है कि समाज में जन जागृति व समानता की भावना का संचार बेटा बेटी एक समान के रूप में दिखाई दे रहा है। समानता व महिला सशक्तिकरण हेतु बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ ऐसी ही एक अभिनव पहल निकटवर्ती ग्राम फतेहपुरा कलां में हरीराम पहलवान द्वारा अपनी सुपोत्रियों को घोड़ी पर बैठा कर बिंदोरी निकालते हुए दिया।
उन्होंने कहा कि बेटियां न केवल अंतरिक्ष क्षेत्र में बल्कि इंजीनियरिंग, चिकित्सा, शिक्षा,कला, व्यापार, राजनीति, पत्रकारिता, सेना, फौज पुलिस सहित प्रत्येक क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। जिसे देखकर “घोड़ी पर होकर सवार, चला है दुल्हा यार” वाले परंपरागत गाने की जगह अब “बेटी होकर घौडे़ पर सवार, लक्ष्य मन में है तैयार” वाला संकल्प गान दिखाई दे रहा है, जो एक विकसित राष्ट्र निर्माण के लिए सकारात्मक संकेत है।
पूर्व समाज अध्यक्ष गिरधारीलाल गुरूजी व प्रवक्ता रामकरण यादव सहित गांव के प्रबुद्धजनों व महिलाओं ने कहा कि बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं होना चाहिए। अब रुढ़िवादी परंपराओं को जनता धीरे धीरे नकारने लगी है। बेटीयां जीवन का आधार होती हैं, देश का भविष्य होती हैं। बालिकाओं को हरसंभव संबल व शक्ति प्रदान कर राष्ट्र विकास की मुख्य धारा में शामिल करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।