प्राइवेट बसों का ‘अड्डा ‘ बना मुख्य चौराहा, सवारियां परेशान
यातायात अव्यवस्था की वजह से दिन भर रहती है जाम की स्थिति! रोड़वेज को भी लग रही राजस्व की चपत
कोटपूतली। न्यूज़ चक्र। कोटपूतली मुख्य चौराहा इन दिनों प्राइवेट बसों का ‘अड्डा ‘ बना हुआ है. ना कोई रोकने वाला है और ना कोई टोकने वाला! नतीजतन यहाँ दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है, साथ ही सवारियों की भीड़ रहने के कारण दुर्घटना का अंदेशा भी बना रहता है।
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गौरतलब है कि मुख्य चौराहे पर नीमकाथाना, सीकर, नागौर, खेतड़ी और डीडवाना जाने वाले यात्रियों सहित रूट के लोकल यात्रियों का दिन भर जमावड़ा लगा रहता है। यहाँ प्राइवेट बसों का अव्यवस्थित संचालन यातायात में भारी समस्या पैदा कर रहा है। मैन चौराहा होने की वजह से अत्यधिक भीड़भाड़ जाम का कारण बन जाती है जो अक्सर लगा रहता है। बड़े वाहन ट्रक डंपरों से समस्या और भी बढ़ जाती है। बेतरतीब व्यवस्था और अत्यधिक ट्रैफिक के कारण दुर्घटना जनित जान माल का खतरा हमेशा बना रहता है।
प्राइवेट बसों का ‘अड्डा ‘ बना मुख्य चौराहा, पाना देवी के समीप निर्धारित है स्थान
आपको बता दें कि पिछले कई सालों से सीकर, नीमकाथाना की ओर जाने वाली प्राइवेट बसों का स्टैंड पाना देवी कॉलेज से आगे निर्धारित कर रखा है। लेकिन प्राइवेट बसों के चालक अपने निर्धारित स्टैंड जो डाबला रोड पर पाना देवी कन्या महाविद्यालय के आगे है, पर खड़े न होकर मुख्य चौराहे पर ही बसें खड़ी कर देते हैं, जबकि मुख्य चौराहे पर छोटे बड़े वाहनों की हमेशा आवाजाही रहती है जो बाधित होकर जाम की स्थिति बनती है। इससे रोडवेज बसों को सवारी लेने और उतारने में काफी कठिनाई होती है। यात्रियों की पहली प्राथमिकता रोडवेज बसें होती हैं। जब तक रोडवेज बस मिल रही है यात्री उसी में सफर करता है, न मिलने की स्थिति में ही प्राइवेट की तरफ रुख करता है। रोडवेज बसों का इंतजार करते यात्रियों को भी खड़े होने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती।
प्राइवेट बसों का ‘अड्डा ‘ बना मुख्य चौराहा, दिनभर जाम
कोटपूतली मुख्य चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की मौजूदगी के बावजूद यातायात व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा है। बुजुर्ग, बच्चे और महिला यात्रियों को इस अव्यवस्था से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। यातायात व्यवस्था को सुधारने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि मुख्य चौराहा होने से व्यस्ततम मार्ग है और यहां प्राइवेट बसों का अवैध स्टैंड सुरक्षा में भारी चूक है जिसके कारण कभी भी दुर्घटना हो सकती है।
स्थानीय आगार की रोडवेज बसों की रूट पर अपर्याप्त संख्या भी एक वजह
कोटपूतली आगार से इस रूट पर केवल चार बसों का संचालन होता है, जो सुबह 6, 8 और 9 बजे जाती हैं। दोपहर 12 बजे अलवर से कोटपूतली आगार की एक गाड़ी अंतिम बस होती है। 12 बजे के बाद यात्रियों को स्थानीय आगार की कोई बस नहीं मिलती और उन्हें अन्य आगारों की बसों पर निर्भर रहना पड़ता है जो आगे से पहले ही सवारीयों से भरी हुई आती हैं। जिनका प्राइवेट बसों के जमावड़े के कारण सवारी उतारना और चढ़ाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर यहाँ से बसों की संख्या या फेरे बढ़ाये जाएं तो यात्रियों को राहत मिल सकती है।
प्राइवेट बसों का ‘अड्डा ‘ बना मुख्य चौराहा, समाधान की आवश्यकता
प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए तत्काल प्रयास करने की आवश्यकता है। प्राइवेट बसों को उनके निर्धारित स्टैंड पर ही खड़ा करने के निर्देश दिए जाने चाहिए और मुख्य चौराहे पर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होनी चाहिए। इसके साथ ही रोडवेज बसों के लिए प्रॉपर बस स्टैंड की आवश्यकता है ताकि यात्रियों व राहगीरों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
” कोटपूतली में बस स्टैंड ना होने की वजह से यह समस्या बन रही है। अगर बस स्टैंड हो तो प्राइवेट बसों की वहां एंट्री नहीं होगी। अभी जहां रोडवेज की बसें सवारियों को बिठाती हैं वहीं प्राइवेट बसें खड़ी हो जाती हैं। लम्बे रुट की सवारियां प्राइवेट बसों में नहीं बैठना चाहती, लेकिन रोडवेज बस आती है तो छोटे रुट की सवारियां चढ़ जाती हैं और लम्बे रुट की सवारियां स्टैंड पर खड़ी रह जाती हैं जिससे भीड़ बढ़ती है। बाकी बसों के संचालन में कोई कमी नहीं है “
मंजू कुमारी, कोटपूतली आगार प्रबंधक