

नई दिल्ली: निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) मंगलवार को यहां अपनी कार्यकारी समिति की बैठक करेगा और खेल मंत्रालय (Sports Ministry) की चेतावनी के बावजूद राष्ट्रीय चैंपियनशिप (National Championship) की मेजबानी के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा। कार्यकारी समिति की बैठक के लिए नोटिस 31 दिसंबर को जारी किया गया था और अधिकांश राज्य संघों के इसमें भाग लेने की उम्मीद है।
उम्मीद है कि सदस्य नए पदाधिकारियों के चुने जाने के कुछ घंटों बाद 21 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई की आम सभा के दौरान किए गए फैसलों की पुष्टि करेंगे। डब्ल्यूएफआई ने घोषणा की थी कि वह 29 से 31 जनवरी तक पुणे में राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करेगा जिसके बाद खेल मंत्रालय को कहना पड़ा कि महासंघ के पास सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने का अधिकार नहीं है और उसके द्वारा आयोजित किसी भी टूर्नामेंट को अस्वीकृत और गैरमान्यता प्राप्त माना जाएगा।
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम बैठक कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि सभी मान्यता प्राप्त इकाइयां बैठक में भाग लेंगी। हम पीछे नहीं हटेंगे। राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी का निर्णय एजीएम (वार्षिक आम बैठक)में लिया गया था। सदस्य फैसलों पर चर्चा करेंगे और इनकी पुष्टि करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा व्यक्तिगत निर्णय नहीं है। एजीएम ने निर्णय लिया गया था और कार्यकारी समिति को इसे पारित करना चाहिए। हम सामूहिक रूप से फैसला करेंगे।”
यह भी पढ़ें
बैठक के एजेंडे में ‘‘संविधान के कुछ प्रावधानों को परिभाषित करना और उनकी व्याख्या करना” भी शामिल है। सर्कुलर में संविधान का हवाला देते हुए स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि अध्यक्ष डब्ल्यूएफआई का मुख्य अधिकारी होगा। यदि वह उचित समझे तो उसे परिषद और कार्यकारिणी की बैठकें बुलाने का अधिकार होगा। खेल मंत्रालय ने 21 दिसंबर की बैठक में महासचिव के शामिल नहीं होने पर आपत्ति जताई थी।
सरकार ने राष्ट्रीय खेल संहिता और डब्ल्यूएफआई संविधान के उल्लंघन का हवाला देते हुए महासंघ के चुनाव के तीन दिन बाद 24 दिसंबर को नवनिर्वाचित महासंघ को निलंबित कर दिया था। डब्ल्यूएफआई ने कहा है कि वह ना तो निलंबन को स्वीकार करता है और ना ही खेल के दैनिक मामलों के प्रबंधन के लिए आईओए द्वारा गठित तदर्थ पैनल को मान्यता देता है।
डब्ल्यूएफआई ने यह भी कहा कि उसने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और संविधान के अनुसार अध्यक्ष के पास निर्णय लेने की शक्ति है और महासचिव उन निर्णयों को लागू करने के लिए बाध्य है। दिलचस्प बात यह है कि तदर्थ पैनल पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह तीन फरवरी से जयपुर में सीनियर राष्ट्रीय और ग्वालियर में आयु वर्ग चैंपियनशिप आयोजित करेगा। (एजेंसी)
PC : enavabharat
News Chakra